Thursday 18 June 2015

इन हेल्थ टिप्स को आजमा कर आप भी रह सकते हे स्वस्थ

By flipkart   Posted at  02:02   1 comment
इन दिनों लोगों ने अपनी लाइफस्टाइल ऐसी बना ली है कि दिनों दिन वे नई-नई परेशानियों और बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। चाहे खान-पान हो या आरामदायक जीवनशैली। और तो और शहरी वातावरण भी उन्हें इस तरह की दिनचर्या बनाने में काफी मदद की है। सभी ऐशोआराम की चीजें उन्हें घर बैठे हासिल हो जाती है। उन्हें उठकर कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। नतीजा.... 

Indian Designer Multi Color Net Embroidered Semi Stitched Lehenga जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां। आइए नये साल पर अपनी आरामदायक जीवनशैली को बदलने के लिए कुछ संकल्प लें। यहां 15 आसान हेल्थ टिप्स दिये जा रहें हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी फिगर को मेंटन तो कर ही सकती हैं। साथ ही इन्हें अपनाकर आप दिन भर तरोताजा भी महसूस करेंगीं।

प्रतिदिन वॉक करें। अगर हो सके तो फुटबॉल खेलें यह एक प्रकार का एक्सरसाइज ही है।

ऑफिस में या कहीं भी जाएं तो लिफ्ट के बदले सीढिय़ों का इस्तेमाल करें।

Buy Indian Designer Multi Color Net Embroidered Semi Stitched Lehenga from Snapdeal अपने कुत्ते को वॉक पर खुद लेकर जाएं। बच्चों के साथ खेलें, लॉन में नंगे पांव चलें, घर के आसपास पेड़ पौधे लगाऐं, यानि कि वो सब करें जिनसे आप खुद को एक्टिव रख सकें। 

ऐसी जगह एक्सरसाइज न करें जहां भीड़भाड़ ज्यादा हो।

तले-भुने भोजन, और अन्य फैटी चीजों से परहेज करें यह बहुत से बीमारियों की जड़ होती है। 
डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें। जैसे कि चीज, कॉटेज चीज, दूध और क्रीम का लो फैट प्रोडक्ट आदि। 

Buy Sami Black & Blue Polyester Kids School Bag from Snapdeal यदि खाना ही है तो, मक्खन ,फैट फ्री चीज और मोयोनीज का लो फैट उत्पाद प्रयोग में लाऐं।

तनाव हमारी जिंदगी में काफी निगेटिव असर डालता है। विशेषज्ञों के अनुसार तनाव कम करने के लिए सकारात्मक विचार बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। 

तनाव कम करने के लिए रोज कम से कम आधा घंटा ऐसे काम करें, जिसे करने में आपको मन लगता हो। तनाव कम करने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं।

गुस्सा तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है इसलिए गुस्सा आने पर स्वंय को शांत करने के लिए एक से दस तक गिनती गिनें। 

उन लोगों से दूर रहने की कोशिश करें जो आपके तनाव को बढ़ाते हों।

धूम्रपान से परहेज करें। धूम्रपान से शरीर और उम्र पर असर तो पड़ता ही है, साथ ही फेफड़ों का कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है।

धूम्रपान में कमी लाने के लिए उसकी तलब लगने पर सौंफ आदि का सेवन करें।मार्केट में भी आजकल बहुत से प्रोडक्ट मिलने लगे हैं जो धूम्रपान की तलब को कम करते हैं।

Monday 18 May 2015

इन हेल्थ टिप्स को आजमा कर आप भी रह सकते हे स्वस्थ

By flipkart   Posted at  23:26   HEALTH NEWS No comments


इन दिनों लोगों ने अपनी लाइफस्टाइल ऐसी बना ली है कि दिनों दिन वे नई-नई परेशानियों और बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। चाहे खान-पान हो या आरामदायक जीवनशैली। और तो और शहरी वातावरण भी उन्हें इस तरह की दिनचर्या बनाने में काफी मदद की है। सभी ऐशोआराम की चीजें उन्हें घर बैठे हासिल हो जाती है। उन्हें उठकर कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। नतीजा....

जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां। आइए नये साल पर अपनी आरामदायक जीवनशैली को बदलने के लिए कुछ संकल्प लें। यहां 15 आसान हेल्थ टिप्स दिये जा रहें हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी फिगर को मेंटन तो कर ही सकती हैं। साथ ही इन्हें अपनाकर आप दिन भर तरोताजा भी महसूस करेंगीं।

प्रतिदिन वॉक करें। अगर हो सके तो फुटबॉल खेलें यह एक प्रकार का एक्सरसाइज ही है।

ऑफिस में या कहीं भी जाएं तो लिफ्ट के बदले सीढिय़ों का इस्तेमाल करें।

अपने कुत्ते को वॉक पर खुद लेकर जाएं। बच्चों के साथ खेलें, लॉन में नंगे पांव चलें, घर के आसपास पेड़ पौधे लगाऐं, यानि कि वो सब करें जिनसे आप खुद को एक्टिव रख सकें।

ऐसी जगह एक्सरसाइज न करें जहां भीड़भाड़ ज्यादा हो।

तले-भुने भोजन, और अन्य फैटी चीजों से परहेज करें यह बहुत से बीमारियों की जड़ होती है।
डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें। जैसे कि चीज, कॉटेज चीज, दूध और क्रीम का लो फैट प्रोडक्ट आदि।

यदि खाना ही है तो, मक्खन ,फैट फ्री चीज और मोयोनीज का लो फैट उत्पाद प्रयोग में लाऐं।

तनाव हमारी जिंदगी में काफी निगेटिव असर डालता है। विशेषज्ञों के अनुसार तनाव कम करने के लिए सकारात्मक विचार बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।

तनाव कम करने के लिए रोज कम से कम आधा घंटा ऐसे काम करें, जिसे करने में आपको मन लगता हो। तनाव कम करने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं।

गुस्सा तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है इसलिए गुस्सा आने पर स्वंय को शांत करने के लिए एक से दस तक गिनती गिनें।

उन लोगों से दूर रहने की कोशिश करें जो आपके तनाव को बढ़ाते हों।

धूम्रपान से परहेज करें। धूम्रपान से शरीर और उम्र पर असर तो पड़ता ही है, साथ ही फेफड़ों का कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है।

धूम्रपान में कमी लाने के लिए उसकी तलब लगने पर सौंफ आदि का सेवन करें।मार्केट में भी आजकल बहुत से प्रोडक्ट मिलने लगे हैं जो धूम्रपान की तलब को कम करते हैं।

Monday 11 May 2015

शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए आपका मन कुलबुला रहा है तो इन चार मंत्रों पर गौर करें।

By flipkart   Posted at  00:41   BUSINESS NEWS No comments


अगर शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए आपका मन कुलबुला रहा है और आप अनाड़ी हैं, तो आपको इन चार मंत्रों पर खास तौर से गौर करना चाहिए।

1. सही कंपनी चुनिए
मुनाफा बढ़ाने वाली बेहतर कंपनी चुनें, जिसने अपने शेयरधारकों की पूंजी पर कम से कम 20 फीसदी लाभ अर्जित किया हो। आदर्श रूप से एक दीर्घकालिक निवेश (5वर्ष से अधिक) आपको कंपनी के विकास में भाग लेने की अनुमति देता है। कम अवधि ( 3 से 6 महीने) में शेयर का प्रदर्शन कंपनी के मूल सिद्धांत से कम तथा बाजार भाव से अधिक प्रेरित होता है, जबकि लंबे काल में सही कीमत की प्रासंगिकता कम हो जाती है।

2. अनुशासित रहें
शेयर में निवेश एक लंबी सीखने की प्रक्रिया है,जिसमें आप अपनी गलतियों से सीखते हैं। ये कुछ तथ्य हैं जिनसे ये प्रक्रिया सरल हो सकती है। निवेश में विविधता लाएं। यानी किसी एक शेयर में अपने कोष का 10 फीसदी से ज्यादा न डालें भले ही वो एक रत्न कंपनी हो, दूसरी ओर बहुत अधिक शेयरों में भी निवेश न करें, क्योंकि उनकी निगरानी करना मुश्किल होता है। एक कम सक्रिय लंबी अवधि के निवेशक के लिये 15-20 विभिन्न शेयर अच्छी संख्या है। अपनी कंपनी के प्रदर्शन का विश्लेषण उसके तिमाही परिणाम, वार्षिक रिपोर्ट और समाचार लेखों से करते रहें। जरूरत पड़ने पर एक अच्छा ब्रोकर ढूंढ़े तथा निपटान प्रणाली समझें। हॉट टिप्स पर ध्यान न दें,क्योंकि अगर ये सच में काम करती तो शेयर बाजार में निवेश करने वाले सभी निवेशक करोड़पति होते। अधिक खरीदने के प्रलोभन से बचें क्योंकि प्रत्येक खरीद एक नए निवेश का निर्णय है। एक कंपनी के उतने ही शेयर खरीदें जितने आपके कुल आवंटन योजना के अनुसार हैं।

3. निगरानी और समीक्षा 
अपने निवेश की नियमित निगरानी व समीक्षा करें। खरीदे गए शेयर के तिमाही परिणामों की घोषणा पर नजर रखें और सप्ताह में कम से कम एक बार अपने पोर्टफोलियो वर्कशीट पर शेयर की कीमतों में आए सुधार लिखते रहें। ये कार्य अस्थिर समय के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है जब आप मूल्य चुनने के लिए बेहतर अवसर पा सकते हैं। जैसे कि पता लगाएं कि आप 50 पैसे के सिक्के में 1 रुपया कैसे खरीद सकते हैं। इसके अलावा ये भी जांचे कि जिन कारणों से आपने पहले शेयर खरीदा था, वे अभी भी वैध हैं या नहीं। साथ ही एक वार्षिक समीक्षा प्रक्रिया अपनायें जिससे आप अपने कुल परिसंपत्ति आवंटन के भीतर इक्विटी शेयरों के प्रदर्शन की जांच कर सकें। अगर जरूरी हो तो आप नियमित अंतराल पर समीक्षा कर सकते हैं क्योंकि आपके जोखिम प्रोफाइल और जोखिम क्षमता में 12 महीने की अवधि में परिवर्तन हो सकता है।

4. गलतियों से सीखें
 समीक्षा के दौरान अपनी गलतियों को पहचानें और उनसे सीखें,क्योंकि आपके खुद के अनुभव को कोई नहीं हरा सकता। यही अनुभव आपके ज्ञान के मोती बनेंगे जो निश्चित ही आपको एक सफल शेयर निवेशक बनाने में सहायक होंगे।

जब पहली बार म्यूचुअल फंड में लगाना हो पैसा

By flipkart   Posted at  00:33   NEWS No comments


जब पहली बार म्यूचुअल फंड में लगाना हो पैसा

अगर आप शेयर बाजार से माल पीटना चाहते हैं और इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं, तो आपके लिए सबसे बेहतर जरिया है म्यूचुअल फंड के रास्ते पैसा लगाना। इसका कारण यह है कि म्यूचुअल फंड विशेषज्ञों द्वारा संचालित होता है, जिन्हें शेयर बाजार की गहरी समझ होती है और वे काफी सोच समझ कर आपका पैसा शेयर बाजार में निवेश करते हैं। आइए बताते हैं कि जब आप पहली बार किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो आपको किस-किस तरह की जनकारी होनी चाहिए। कहने का तात्पर्य के किसी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने से पहले आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।


पहले यह जानें कि म्यूचुअल फंड क्या है
म्यूचुअल का हिंदी में मतलब होता है आपस में। इसलिए म्यूचुअल फंड का मतलब हुआ आपस में मिलकर बनाया गया फंड। कहने का तात्पर्य के कुछ लोग मिलकर एक फंड का निर्माण करते हैं और उसे किसी खास मकसद से निवेश करते हैं। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। आप एक निवेशक हैं और आप रिलायंस या ओएनजीसी के शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं या सोने में या सरकारी बांड में पैसा लगाना चाहते हैं, लेकिन आपके पास पैसे भी कम हैं और आपको शेयर बाजार में निवेश के बारे में जानकारी भी नहीं है। मान लीजिए आप एक हजार रुपये शेयर में या सोना में निवेश करना चाहते हैं, पर इसमें आपकी पसंद का न कोई शेयर आ रहा है और न ही सोना। ऐसे में आपकी इस चाहत को पूरी करने के लिए है म्यूचुअल फंड। वित्तीय कंपनियों ने छोटे और अनाड़ी निवेशकों की इसी कठिनाई को दूर करने के लिए म्यूचुअल फंड की अवधारणा को पेश किया था। इसमें आपके जैसे हजारों छोटे और अनाड़ी निवेशकों के पैसे को इकट्ठा कर आपकी पसंद की कंपनी या सेक्टर में निवेश किया जाता है। जैसे-जैसे आपका निवेश बढ़ता जाता है, आपके खाते में शेयर या सोना या बांड की इकाई (यूनिट) जमा होती जाती है। म्यूचुअल फंड के जरिए जानकारों की देखरेख में पूंजी बाजार (शेयर, बांड, गोल्ड) में निवेश किया जाता है।


ध्यान रखें कि आप किस क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं
एक अनाड़ी निवेशक को अपने स्तर पर या किसी भी म्यूचुअल फंड के प्रतिनिधि से राय लेकर यह तय कर लेना चाहिए कि वह किस सेक्टर में निवेश करेगा। सेक्टर का मतलब किस क्षेत्र की कंपनी, यानी पेट्रोलियम, रियल एस्टेट, एफएमसीजी, फार्मा, माइनिंग, एनर्जी, गोल्ड आदि सेक्टर हैं। निवेश के लिए सेकटर चयन की प्रक्रिया को पोर्टफोलियो (निवेश सूची) बनाना कहते हैं। दूसरे शब्दों में उसे अपनी सम्पत्ति के सही निवेश का फैसला करना चाहिये। पोर्टफोलियो का निर्धारण करना म्यूचुअल फंड की भाषा में असेट अलोकेशन कहलाता है। असेट अलोकेशन वो तरीका है जो ये निर्धारित करता है कि आप अपने पैसे को विभिन्न निवेशों में कैसे लगाएंगे कि अपके निवेश में सभी सेक्टरों का उचित मिश्रण हो। यानी हाइब्रिड इनवेस्टमेंट। असेट अलोकेशन  के लोकप्रिय नियम कहते हैं कि निवेशक की जो भी उम्र हो, उसे अपने पोर्टफोलियो में अपनी उम्र जितना धन प्रतिशत रखना चाहिए। उदाहरण के लिए- यदि निवेशक की उम्र 25 साल है तो उसे अपने निवेश का 25% ऋण (डेट फंड) में और शेष इक्विटी (शेयर) में लगाना चाहिए। असेट अलोकेशन तैयार करते समय आप अपनी आयु, व्यवसाय, आप पर निर्भर परिवार के सदस्यों की संख्या और अपनी जरूरत पर जरूर गौर करें।


सही फंड कैसे चुनें
सही फंड चुनने के लिये ध्यान रखें— कि सही फंड चुनने की कुंजी उनके निवेश सिद्धांत और रिटर्न देने की स्थिरता पर निर्भर करती है। आप सही फंड चुनें जो आपकी जरुरतों के लिये उपयुक्त हो, ये सुनिश्चित करने के लिये निम्न बातों पर विचार करें:  1. अपने आर्थिक लक्ष्यों को निर्धारित करें। 2. क्या आप अपनी सेवानिवृत्ति के लिये निवेश कर रहे हैं, या अपने बच्चे की शिक्षा के लिए या फिर वर्तमान आमदनी के लिए? 3. अपनी समय सीमा पर विचार करें। 4. क्या आपको तीन महिने के समय में पैसा चाहिये या फिर तीन साल में? जितना विस्तृत आपका समय होगा उतना ज्यादा जोखिम आप निवेश में उठाने के काबिल होंगे। 5. आप जोखिम उठाने के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप उच्च रिटर्न की संभावना के लिये शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को बर्दाश्त करने की स्थिति में हैं? आपको अपने स्वंय की जोखिम उठाने की क्षमता के बारे में अवश्य पता होना चाहिये,यह सही निवेश योजना को चुनने के लिये एक गाइड हो सकता है। याद रखें,संभावित रिटर्न की चिन्ता किये बिना यदि आप किसी विशेष परिसंपत्ति वर्ग के साथ सहज नही हैं तो आपको अन्य निवेश विकल्पों पर विचार करना चाहिये। 6. ध्यान रखें-इन सभी कारकों का सीधा प्रभाव उन फंड पर पङÞता है जिन्हें आप चुनते हैं और जो रिटर्न आप प्राप्त करने की उम्मीद रखते हैं।


फंड के प्रकार
1. विविध (डाइवर्सिफाइड) इक्विटी फंड
2. इंडैक्स फंड
3. अवसर फंड
4. मिड कैप फंड
5. इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाएं
6. सेक्टर फंड जैसे ऑटो, हंल्थ केयर,एफएमसीजी,बैंकिंग,आईटी इत्यादि
7. संतुलित फंड उनके लिये जो इक्विटी निवेश में 100% जोखिम नही उठाना चाहते। (अगर सही ढंग से चुने जाएं तो ये अन्य संपत्ति वर्गों की तुलना में म्यूचुअल फंड बेहतर रिटर्न दे सकते हैं)।


किन बातों पर नजर रखें
सिर्फ आवेदन फॉर्म भर देना और चेक लिखना ही काफी नही है। आपके निवेश कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं , इस पर नजर रखना भी उतना ही जरूरी है। एक योग्य और पेशेवर निवेश सलाहकार जो आपको सही निर्णय लेने और आपके निवेशों के प्रदर्शन के मापने दोनों में सहायता कर सकता है। साथ ही आपको ये भी जानना चाहिये कि आप खुद की छोटी सी मदद निम्न स्त्रोतों के द्वारा कैसे कर सकते हैं।
फैक्ट शीट और न्यूजलैटर : म्यूचुअल फंड मासिक और त्रैमासिक फैक्ट शीट और न्यूजलैटर प्रकाशित करते हैं जिनमें पोर्टफोलियो की जानकारी ,फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित योजनाओं और उनके प्रदर्शन आंकड़ों की रिपोर्ट प्रकाशित होती है।
वेबसाइट : म्यूचुअल फंड की वेबसाइट प्रदर्शन आंकड़े, दैनिक नेट ऐसेट वैल्यू , फंड फैक्ट शीट , त्रैमासिक न्यूजलैटर और प्रेस क्लिपिंग इत्यादि उपलब्ध कराती है। इसके अलावा भारत में म्यूचुअल फंड एसोसियेशन की वेबसाइट भी है जिसमें दैनिक और ऐतिहासिक नेट असेट वैल्यू और अन्य योजनाओं के बारे में सूचना होती हैं।
समाचार पत्र : समाचार पत्र के पृष्ठों में म्यूचुअल फंड योजनाओं की बिक्री , नेट असेट वैल्यू और रिडेम्पशन मूल्य की जानकारी होती है। इसके अलावा अन्य आर्थिक विश्लेषण और रिपोर्ट भी होती हैं।


याद रखें
आपके लिये सही सूचना की जानकारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसे पाने के लिये आपको बस थोङा सा समय सूचना को समझने और विश्लेषण करने में खर्च करना होगा। जो आपके निवेश की सफलता की संभावना को बढाने के लिये जरूरी है। जितना समय आप धन कमाने में लगाते हैं अगर उसका एक प्रतिशत भी इस पर खर्च करें तो ये अच्छी शुरुआत होगी। इन सबसे ज्यादा एक पेशेवर सलाहकार की मदद सही फंड चुनने के लिये लें जिसमें सिप (सिस्टेमैटिक इन्वेस्ट प्लान),एसटीपी (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) और एकमुश्त निवेश का सही मिश्रण हो। 
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