Friday 27 March 2015

हाथ की मुख्य रेखाएं

By flipkart   Posted at  03:41   No comments
                     हाथ की मुख्य रेखाएं


मस्तिष्क रेखा | Mastishk Rekha

मस्तिष्क रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे से होता हुआ हथेली के दूसरे तरफ जाता है जब तक उसका अंत न हो । ज्यादातर, यह रेखा जीवन रेखा के आरंभिक बिन्दु  को स्पर्श करती है। यह रेखा व्यक्ति के मानसिक स्तर और बुद्धि के विश्लेषण को, सीखने की विशिष्ट विधा, संचार शैली और विभिन्न क्षेत्रों के विषय मे जानने की इच्छा को दर्शाती है।
हृदय रेखा | Hriday  Rekha

हृदय रेखा का उद्गम कनिष्ठा उंगली के नीचे से हथेली को पार करता हुआ तर्जनी उंगली के नीचे समाप्त होता है। यह हथेली के उपरी हिस्से में उंगलियों के ठीक नीचे होती है। यह हृदय के प्राकृतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर को दर्शाती है। यह रोमांस कि भावनाओं, मनोवैज्ञानिक सहनशक्ति, भावनात्मक स्थिरता  और अवसाद की संभावनाओं का विश्लेषण करने के साथ ही साथ हृदय संबंधित विभिन्न पहलुओं की भी व्याख्या करती है।
जीवन रेखा | Jeevan Rekha

जीवन रेखा अंगूठे के आधार से निकलती हुई, हथेली को पार करते हुए वृत्त के आकार मे कलाई के पास समाप्त होती है। यह सबसे विवादास्पद रेखा है। यह रेखा शारीरिक शक्ति और जोश के साथ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की भी व्याख्या करती है। शारीरिक सुदृढ़ता और महत्वपूर्ण अंगों के साथ समन्वय, रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्वास्थ्य का विश्लेषण करती है।
भाग्य रेखा | Bhagya Rekha
भाग्य रेखा कलाई से आरंभ होती हुई चंद्र पर्वत से होते े हुये जीवन रेखा या मस्तिष्क या हृदय रेखा तक जाती है। यह रेखा उन तथ्यों को भी दर्शाती जो व्यक्ति के नियंत्रण के बाहर हैं, जैसे शिक्षा संबंधित निर्णय, कैरियर विकल्प, जीवन साथी का चुनाव और जीवन मे सफलता एवं विफलता  आदि।

सूर्य रेखा | Surya Rekha
सूर्य रेखा को अपोलो रेखा, सफलता की रेखा या बुद्धिमत्ता की रेखा के नाम से भी जाना जाता है। यह रेखा कलाई के पास चंद्र पर्वत से निकलकर अनामिका तक जाती है। यह रेखा व्यक्ति के जीवन मे  प्रसिद्धि, सफलता और प्रतिभा  की  भविष्यवाणी करती है।

स्वास्थ्य रेखा | Swasthya Rekha

स्वास्थ्य रेखा को बुध रेखा के रूप में भी जाना जाता है । यह कनिष्ठा के नीचे बुध पर्वत से आरंभ हो कर कलाई तक जाती है। इस रेखा द्वारा लाइलाज बीमारी को जाना जा सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य की भी जानकारी मिलती है।

यात्रा रेखाएँ | Yatra Rekha

ये  क्षैतिज रेखाएं कलाई और हृदय रेखा के बीच हथेली के विस्तार पर स्थित है। यह रेखाएं व्यक्ति की यात्रा की अवधि की व्याख्या, यात्रा में बाधाओं और सफलता का सामना तथा यात्रा मे व्यक्ति के स्वास्थ्य की दशा को भी दर्शाती है।

विवाह रेखा | Vivah Rekha

क्षैतिज रेखाएं कनिष्ठा के बिल्कुल नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित विवाह रेखाएं कहलाती है। यह रेखाएं रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी, वैवाहिक दंपती के बीच प्रेम और स्नेह के अस्तित्व को दर्शाता है। विवाह रेखा का विश्लेषण करते समय शुक्र पर्वत और हृदय रेखा को भी ध्यान मे रखना चाहिये।

करधनी रेखाएं | Kardhani Rekha

करधनी रेखा का आरंभ अर्धवृत्त आकार में कनिष्ठा और अनामिका उंगली के मध्य में और अंत  मध्यमा उंगली और तर्जनी  पर होता है। इसे गर्डल रेखा या शुक्र का गर्डल भी कहते हैं। यह व्यक्ति को अति संवेदनशील और उग्र बनाती है। जिन व्यक्तियों मे गर्डल या शुक्र रेखा पाई जाती है वह व्यक्ति की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।
 
सिमीयन रेखा | Simian Rekha

जो रेखा हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा को गठित करती है। सिमीयन रेखा, सिमीयन फोल्ड, सिमीयन क्रीज और ट्रांस्वर्स पाल्मर क्रीज़ के रुप में भी जानी जाती है। यह एक दुर्लभ रेखा है, मस्तिष्क और हृदय के संयोजन का प्रतिनिधित्व करती है। यह सिमीयन रेखा व्यक्ति मे मानसिक धैर्य और संवेदनशीलता  को दर्शाती है।

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