Thursday 2 April 2015

तारे और ग्रह

By flipkart   Posted at  22:53   No comments

                                                               तारे और ग्रह



 
रात में आकाश में कई पिण्ड चमकते रहते हैं, इनमें से अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं और एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा (Star) कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्ड के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे – यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है जिसका अर्थ इधर-उधर घूमने वाला है। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया।
हमारे लिये आकाश में सबसे चमकीला पिण्ड सूरज है, फिर चन्द्रमा और उसके बाद रात के तारे या ग्रह। तारे स्वयं में एक सूरज हैं। ज्यादातर, हमारे सूरज से बड़े ओर चमकीले, पर इतनी दूर हैं कि उनकी रोशनी हमारे पास आते आते बहुत क्षीण हो जाती है इसलिये दिन में नहीं दिखायी पड़ते पर रात में दिखायी पड़ते हैं। कुछ प्रसिद्ध तारे इस प्रकार हैं:


 रह और चन्द्रमा, सूरज नहीं हैं। यह अपनी रोशनी में नहीं चमकते पर सूरज की रोशनी को परिवर्तित करके चमकते हैं।, तारे टिमटिमाते हैं पर ग्रह नहीं। तारों की रोशनी का टिमटिमाना, हवा में रोशनी के अपवर्तन (refraction) के कारण होता है। यह तारों की रोशनी पर ही होता है क्योंकि तारे हमसे बहुत दूर हैं और इनके द्वारा आती रोशनी की किरणें हम तक पहुंचते पहुंचते समान्तर हो जाती हैं पर ग्रहों कि नहीं।

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