Wednesday 1 April 2015

अंक शास्त्र व्यक्ति के बारे में जानने का एक सरल और सुगम माध्यम रहा है

By flipkart   Posted at  00:40   No comments

 अंक शास्त्र व्यक्ति के बारे में जानने का एक सरल और सुगम माध्यम रहा है.




अंक शास्त्र व्यक्ति के बारे में जानने का एक सरल और सुगम माध्यम रहा है. अंक शास्त्र में मौजूद विधियों द्वारा मनुष्य के व्यवहार, जीवन चरित्र इत्यादि के विषय में जाना जा सकता है. इसी क्रम में एक विधि है भाग्यांक, यह एक महत्वपूर्ण अंक प्रयोग है. भाग्यांक, को जीवनचक्रांक जीवन-पथ  या व्यक्तित्वांक  भी कहा जाता है. भाग्यांक से व्यक्ति के भविष्य उसकी विचारधारा और उसके जीवन में घटने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं को उल्लेखित किया जा सकता है. भाग्यांक को प्राप्त करके हम अनेक प्रकार की सटीक भविष्यवाणियाँ कर सकते हैं, तथा जीवन को उचित प्रकार से जीने प्रयास कर पाते हैं.

भाग्याँक निकालना एक सरल कार्य है यह मूलांक की भांति ही आसानी से ज्ञात किया जा सकता है, भाग्याँक को हम संयुक्तांक भी कह सकते हैं क्योंकि यह संयुक्त रूप में अंकों को जोड़ कर प्राप्त किया जाता है. किरो, पाईथागोरस जैसे अंक शास्त्रियों ने अंक शास्त्र की इन विधियों को विकसित करके हमें एक ने व सुगम कार्य से परिचित करवाया. भाग्यांक की गणना कुछ बडी़ तो होती है किंतु बहुत आसान होती है, भाग्याँक जीवन में बार-बार किसी न किसी तरह आता ही है और अनेक प्रकार से प्रभावित करता है. भाग्यांक के बोध से व्यक्ति के व्यवहार उसके अनुभवों को जाना जा सकता है.

अंक ज्योतिष में भाग्यांक का उपयोग महत्वपूर्ण घटनाओं का समय या तिथि जानने के लिए उपयोग किया जाता है. नाम का अक्षर बदलना इत्यादि बातें भी भाग्यांक के ही आधार पर कि जाती हैं. लोग अपने व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक जीवन में अनेक प्रकार कि परिस्थितियों का सामना करते हैं इन समस्याओं के कारणों तथा इनसे मुक्ति प्राप्ति के लिए अंक शास्त्र द्वारा इस पर कुछ हद तक विचार किया सकता है. भाग्यांक कि सहायता से हम अनेक उपाय प्राप्त कर सकते हैं और सही समय को जान भी सकते हैं अत: भाग्यांक हमें हमारे जीवन के अनेक तथ्यों के विषय में सूचित करता है.
भाग्यांक प्राप्त करने की विधि |

भाग्यांक द्वारा हम अपना उचित व्यवसाय व कैरियर भी प्राप्त कर सकते हैं, अंक ज्योतिष में भाग्यांक को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है  भाग्यांक का अर्थ है आपके जीवन का वह महत्वपूर्ण अंक जिसके द्वारा आप-अपना व्यवसाय व कैरियर निर्धारित कर सकें तथा जीवन में सफलता की नई उचाईयां छू सकें. भाग्यांक जानने के लिये, जन्म तिथि, जन्म माह तथा जन्म वर्ष की आवश्यकता होती है.

उदाहरणः भाग्यांक जानने के लिए हम इस गणना को करते हैं जैसे किसी व्यक्ति का जन्म 14 दिसंबर 1942 को है, तो उस जातक का भाग्यांक निम्नलिखित तरीके से निकाला जा सकता है.

जन्म तारीख + जन्म मास + जन्म वर्ष = भाग्यांक

जन्म तारीख - 1 + 4 = 5

जन्म माह - 1 + 2  =  1 + 2  = 3

जन्म वर्ष - 1942  = 1 + 9 + 4 + 2 = 16 = 1 + 6 = 7

तो इस प्रकार इस व्यक्ति का भाग्यांक= 5 + 3 + 7 = 15 = 6

अंकशास्त्र में व्यक्ति की जन्म तारीख को महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि व्यक्ति की जन्म तारीख निश्चित होती है, मनुष्य की जन्म तारीख उसके जन्म समय के ग्रहों की स्थिति तथा उसके असर को दर्शाती है.

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