Thursday 2 April 2015

तारा समूह

By flipkart   Posted at  22:56   No comments
तारा समूह

ब्रम्हाण्ड में अनगिनत तारे हैं और अनगिनत तारा समूह। कुछ चर्चित तारा समूह इस प्रकार हैं:
  • सप्त ऋषि ( Great/ Big bear or Ursa Major): यह उत्तरी गोलार्ध के सात तारे हैं। यह कुछ पतंग की तरह लगते हैं जो कि आकाश में डोर के साथ उड़ रही हो। यदि आगे के दो तारों को जोड़ने वाली लाईन को सीधे उत्तर दिशा में बढ़ायें तो यह ध्रुव तारे पर पहुंचती है।
  • ध्रुवमत्स्य/ अक्षि ( Little Bear or Ursa Minor): यह सप्त ऋषि के पास उसी शक्ल का है इसके सबसे पीछे वाला तारा ध्रुव तारा है।
  • कृतिका (कयबचिया) Pleiades: पास-पास कई तारों का समूह है हमारे खगोलशास्त्र में इन्हें सप्त ऋषि की पत्नियां भी कहा गया है।
  • मृगशीर्ष (हिरन- हिरनी) Orion: अपने यहां इसे हिरण और ग्रीक में इसे शिकारी के रूप में देखा गया है पर मुझे तो यह तितली सी लगती है।
  • बृहल्लुब्धक (Canis Major): इसकी कल्पना कुत्ते की तरह की गयी पर मुझे तो यह घन्टी की तरह लगता है। व्याध (Sirius) इसका सबसे चमकीला तारा है। अपने देश में इसे मृगशीर्ष पर धावा बोलने वाले के रूप में देखा गया जब कि ग्रीक पुराण में इसे Orion (शिकारी) के कुत्ते के रूप में देखा गया।
  • शर्मिष्ठा (Cassiopeia): यह तो मुझे कहीं से सुन्दरी नहीं लगती यह तो W के आकार की दिखायी पड़ती है और यदि इसके बड़े कोण वाले भाग को विभाजित करने वाली रेखा को उत्तर दिशा में ले जायें तो यह ध्रुव तारे पर पहुंचेगी।
  • महाश्व (Pegasus): इसकी कल्पना अश्व की तरह की गयी पर यह तो मुझे टेनिस के कोर्ट जैसा लगता है।
जाहिर है मैं इन सब तारा समूह के सारे तारे देख कर आकृतियों कि कल्पना नहीं कर रहा हूं, पर इन तारा समूह के कुछ खास तारों को ले कर ही कल्पना कर रहा हूं।

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