राशियां Signs of Zodiac
यह तो थे आकाश पर कुछ मुख्य तारा समूह। इन सब का नाम हमने कभी न कभी सुना है। इनके अलावा बारह तारा समूह जिन्हें राशियां कहा जाता है उनका नाम हम अच्छी तरह से जानते हैं। इन सब को छोड़ कर, किसी तारा समूह के लिये तो खगोलशास्त्र की पुस्तक ही देखनी पड़ेगी। बारह तारा समूह, जिन्हें राशियां कहा जाता है, उनके नाम तो हम सब को मालुम हैं पर साधरण व्यक्ति के लिये इन्हें आकाश में पहचान कर पाना मुश्किल है। यह बारह राशियां हैं,- मेष (Aries)
- वृष ( Taurus)
- मिथुन (Gemini)
- कर्क (Cancer)
- सिंह (Leo)
- कन्या (Virgo)
- तुला (Libra)
- वृश्चिक (Scorpio)
- धनु (Sagittarius)
- मकर (Capricorn)
- कुम्भ (Aquarius)
- मीन (Pisces)
यदि पृथ्वी, सूरज के केन्द्र और पृथ्वी की परिक्रमा के तल को चारो तरफ ब्रम्हाण्ड में फैलायें, तो यह ब्रम्हाण्ड में एक तरह की पेटी सी बना लेगा। इस पेटी को हम १२ बराबर भागों में बांटें तो हम देखेंगे कि इन १२ भागों में कोई न कोई तारा समूह आता है। हमारी पृथ्वी और ग्रह, सूरज के चारों तरफ घूमते हैं या इसको इस तरह से कहें कि सूरज और सारे ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष इन १२ तारा समूहों से गुजरते हैं। यह किसी अन्य तारा समूह के साथ नहीं होता है इसलिये यह १२ महत्वपूर्ण हो गये हैं। इस तारा समूह को हमारे पूर्वजों ने कोई न कोई आकृति दे दी और इन्हे राशियां कहा जाने लगा।
यदि आप किसी आखबार या टीवी पर राशिचक्र को देखें या सुने तो पायेंगें कि वे सब मेष से शुरू होते हैं, यह अप्रैल-मई का समय है। क्या आपने कभी सोचा हैकि यह राशि चक्र मेष से ही क्यों शुरू होते हैं? चलिये पहले हम लोग विषुव अयन (precession of equinoxes) को समझते हैं, उसी से यह भी स्पष्ट होगा।
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