जीवन की परेशानियां
राहु केतु का कापसर्प योग इस कुंडली में अपना पूरा प्रभाव दे रहा है। कालसर्प दोष मे एक खासियत देखने को मिलती है कि राहु के आसपास वाले ग्रह यानी राहु से दो घर आगे और राहु से दो घर पीछे वाले ग्रह राहु के कारण अपना कार्य नही कर पाते है,राहु के लिये कहा गया है कि यह काला नाग बनकर जो भी ग्रह राहु के आसपास होते है उन्हे गटकता चला जाता है,साथ ही केतु के साथ वाले जितने ग्रह होते है उन्हे केतु अपने बल से बचाये रहता है। मकर लगन की इस कुंडली मे लगनेश भी राहु के साथ है,जातक के द्वारा बहुत ही हाथ पैर मारे जा रहे है लेकिन राहु किसी भी प्रकार से जातक को आगे बढने का रास्ता नही दे रहा है। मकर लगन का मालिक शनि अपने शत्रु सूर्य की राशि मे विराजमान है इसलिये पारिवारिक सुख के साथ शिक्षा बुद्धि का सुख जल्दी से धन कमाने और प्रेम प्यार की बातो मे अपनी आशंका को देकर या भ्रम पैदा करने के बाद किसी भी प्रकार से लूटने का काम करता है। इसके साथ ही जीवन साथी और जीवन साथी की कारक वस्तुओ का भी खातमा करता है। राहु की निगाह केतु पर जाने से जो भी कारक जातक की सहायता मे आते है वह उन्हे ही अपनी शक्ति से बरबाद करने लगता है यानी जातक अपने परिवार से या अपने शरीर की मेहनत से जो भी धन कमाता है वह जातक के दोस्तो के रूप मे या साधनो के रूप मे खा जाते है कभी किसी का बिल कभी किसी का बिल का भुगतान करते करते जातक को यह लगने लगता है कि आखिर उसके साथ हो क्या रहा है। नगद धन की राशि वृष का मंगल भी जातक के द्वारा कमाये जाने वाले धन और की जाने वाली मेहनत से घर के सदस्यों के पेट के पालन और पहले से आने वाले खर्चे जैसे अस्पताल के खर्चे लोगो से लिये गये धन का ब्याज आदि देना भी माना जा सकता है इसके लिये यह मंगल आने वाले धन को किसी भी प्रकार से स्थिर नही रहने देता है। राहु के लिये एक और कारण मुख्य माना जाता है कि वह जिस ग्रह के साथ बैठता है उसकी पूरी शक्ति को अपने मे खींच लेता है,और अपने प्रभाव के अन्दर उस ग्रह की शक्ति को प्रदर्शित करने लगता है।
इस भाव में विराजमान शनि और राहू के लिए जो उपाय बताये गए है इनके अनुसार जो भी जातक का धर्म है उस शान पर रोजाना जाए और वहां से जो भी प्रसाद आदि मिलता है लाकर अपने घर में पूजा स्थान या किसी सुअक्षित स्थान में रखता रहे इस प्रकार से जैसे ही वह लगातार तीन महीने की अवधि उस स्थान में जाकर पूरी कर लेगा उसके लिए रास्ता खुलने लगेगा.वर्त्तमान में आय के घर के राहू के होने से जो भी आय है वह केवल जीवन की कुछ जरूरतों को पूरा करने के लिए मानी जा सकती है इसके बाद जब राहू अपना स्थान जनवरी दो हजार तेरह में बदलेगा तब जाकर किसी बात की धन और परिवार में तरक्की की आशा की जा सकती है| इस भाव के राहू के लिए एक बात और कही जाती है की जातक के अन्दर अगर किसी प्रकार से कबूतर बाजी यानी इश्क रोमांस या गलत संबंधो को लेकर चला जाएगा तो जातक के लिए यह राहू पल पल में दिक्कत को पैदा करने वाला होगा इसी के साथ अगर जातक के मित्रो में शराब कबाब भूत का भोजन करने वाले लोग है और वह अपनी मित्र मंडली या अपने द्वारा पैदा किये गए कारणों से दिक्कतों के कारण किसी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन करता है तो भी राहू गलत असर देगा.गलत धंधे भी जातक के लिएय दिक्कत देने वाले हो सकते है.
उपायों के रूप में जातक अपने रहने वाले स्थान में राहू को स्थापित नहीं करे साथ ही इसकी यह पहिचान भी होती है की जातक की नाभि से लेकर छाती तक घने वालो का जखीरा होता है जो शेषनाग की उपस्थिति को जातक के लिए दर्शाता है,इस कारण से भी जातक की निगाह हमेशा की कामो की तरफ एक बार में होती है जिससे जो काम होना होता है वह रह जाता है और हो नहीं होना उसके लिए जातक अपने सर को पटकता रहता है.जातक अपने गले में केतु का पेंडल पञ्च धातु में पहिने सोमवार का व्रत करता रहे,पवित्र तीर्थ में स्नान करता रहे तथा मुफ्त में किसी से कुछ भी नहीं ले.नीले कपडे और नीली चीजो से परहेज करता रहे.परिवार में माता का कहना माने,घर से बाहर रहते हुए किसी भी क़ानून के विरुद्ध काम नहीं करे.आपने astrobhadauria साईट का प्रयोग किया है आप लाभ उठाये और सुखी रहे मेरी तरफ से यही आशीर्वाद और शुभकामनाये है.
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