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Monday, 11 May 2015

जब पहली बार म्यूचुअल फंड में लगाना हो पैसा

By flipkart   Posted at  00:33   NEWS No comments


जब पहली बार म्यूचुअल फंड में लगाना हो पैसा

अगर आप शेयर बाजार से माल पीटना चाहते हैं और इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं, तो आपके लिए सबसे बेहतर जरिया है म्यूचुअल फंड के रास्ते पैसा लगाना। इसका कारण यह है कि म्यूचुअल फंड विशेषज्ञों द्वारा संचालित होता है, जिन्हें शेयर बाजार की गहरी समझ होती है और वे काफी सोच समझ कर आपका पैसा शेयर बाजार में निवेश करते हैं। आइए बताते हैं कि जब आप पहली बार किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो आपको किस-किस तरह की जनकारी होनी चाहिए। कहने का तात्पर्य के किसी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने से पहले आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।


पहले यह जानें कि म्यूचुअल फंड क्या है
म्यूचुअल का हिंदी में मतलब होता है आपस में। इसलिए म्यूचुअल फंड का मतलब हुआ आपस में मिलकर बनाया गया फंड। कहने का तात्पर्य के कुछ लोग मिलकर एक फंड का निर्माण करते हैं और उसे किसी खास मकसद से निवेश करते हैं। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। आप एक निवेशक हैं और आप रिलायंस या ओएनजीसी के शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं या सोने में या सरकारी बांड में पैसा लगाना चाहते हैं, लेकिन आपके पास पैसे भी कम हैं और आपको शेयर बाजार में निवेश के बारे में जानकारी भी नहीं है। मान लीजिए आप एक हजार रुपये शेयर में या सोना में निवेश करना चाहते हैं, पर इसमें आपकी पसंद का न कोई शेयर आ रहा है और न ही सोना। ऐसे में आपकी इस चाहत को पूरी करने के लिए है म्यूचुअल फंड। वित्तीय कंपनियों ने छोटे और अनाड़ी निवेशकों की इसी कठिनाई को दूर करने के लिए म्यूचुअल फंड की अवधारणा को पेश किया था। इसमें आपके जैसे हजारों छोटे और अनाड़ी निवेशकों के पैसे को इकट्ठा कर आपकी पसंद की कंपनी या सेक्टर में निवेश किया जाता है। जैसे-जैसे आपका निवेश बढ़ता जाता है, आपके खाते में शेयर या सोना या बांड की इकाई (यूनिट) जमा होती जाती है। म्यूचुअल फंड के जरिए जानकारों की देखरेख में पूंजी बाजार (शेयर, बांड, गोल्ड) में निवेश किया जाता है।


ध्यान रखें कि आप किस क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं
एक अनाड़ी निवेशक को अपने स्तर पर या किसी भी म्यूचुअल फंड के प्रतिनिधि से राय लेकर यह तय कर लेना चाहिए कि वह किस सेक्टर में निवेश करेगा। सेक्टर का मतलब किस क्षेत्र की कंपनी, यानी पेट्रोलियम, रियल एस्टेट, एफएमसीजी, फार्मा, माइनिंग, एनर्जी, गोल्ड आदि सेक्टर हैं। निवेश के लिए सेकटर चयन की प्रक्रिया को पोर्टफोलियो (निवेश सूची) बनाना कहते हैं। दूसरे शब्दों में उसे अपनी सम्पत्ति के सही निवेश का फैसला करना चाहिये। पोर्टफोलियो का निर्धारण करना म्यूचुअल फंड की भाषा में असेट अलोकेशन कहलाता है। असेट अलोकेशन वो तरीका है जो ये निर्धारित करता है कि आप अपने पैसे को विभिन्न निवेशों में कैसे लगाएंगे कि अपके निवेश में सभी सेक्टरों का उचित मिश्रण हो। यानी हाइब्रिड इनवेस्टमेंट। असेट अलोकेशन  के लोकप्रिय नियम कहते हैं कि निवेशक की जो भी उम्र हो, उसे अपने पोर्टफोलियो में अपनी उम्र जितना धन प्रतिशत रखना चाहिए। उदाहरण के लिए- यदि निवेशक की उम्र 25 साल है तो उसे अपने निवेश का 25% ऋण (डेट फंड) में और शेष इक्विटी (शेयर) में लगाना चाहिए। असेट अलोकेशन तैयार करते समय आप अपनी आयु, व्यवसाय, आप पर निर्भर परिवार के सदस्यों की संख्या और अपनी जरूरत पर जरूर गौर करें।


सही फंड कैसे चुनें
सही फंड चुनने के लिये ध्यान रखें— कि सही फंड चुनने की कुंजी उनके निवेश सिद्धांत और रिटर्न देने की स्थिरता पर निर्भर करती है। आप सही फंड चुनें जो आपकी जरुरतों के लिये उपयुक्त हो, ये सुनिश्चित करने के लिये निम्न बातों पर विचार करें:  1. अपने आर्थिक लक्ष्यों को निर्धारित करें। 2. क्या आप अपनी सेवानिवृत्ति के लिये निवेश कर रहे हैं, या अपने बच्चे की शिक्षा के लिए या फिर वर्तमान आमदनी के लिए? 3. अपनी समय सीमा पर विचार करें। 4. क्या आपको तीन महिने के समय में पैसा चाहिये या फिर तीन साल में? जितना विस्तृत आपका समय होगा उतना ज्यादा जोखिम आप निवेश में उठाने के काबिल होंगे। 5. आप जोखिम उठाने के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप उच्च रिटर्न की संभावना के लिये शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को बर्दाश्त करने की स्थिति में हैं? आपको अपने स्वंय की जोखिम उठाने की क्षमता के बारे में अवश्य पता होना चाहिये,यह सही निवेश योजना को चुनने के लिये एक गाइड हो सकता है। याद रखें,संभावित रिटर्न की चिन्ता किये बिना यदि आप किसी विशेष परिसंपत्ति वर्ग के साथ सहज नही हैं तो आपको अन्य निवेश विकल्पों पर विचार करना चाहिये। 6. ध्यान रखें-इन सभी कारकों का सीधा प्रभाव उन फंड पर पङÞता है जिन्हें आप चुनते हैं और जो रिटर्न आप प्राप्त करने की उम्मीद रखते हैं।


फंड के प्रकार
1. विविध (डाइवर्सिफाइड) इक्विटी फंड
2. इंडैक्स फंड
3. अवसर फंड
4. मिड कैप फंड
5. इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाएं
6. सेक्टर फंड जैसे ऑटो, हंल्थ केयर,एफएमसीजी,बैंकिंग,आईटी इत्यादि
7. संतुलित फंड उनके लिये जो इक्विटी निवेश में 100% जोखिम नही उठाना चाहते। (अगर सही ढंग से चुने जाएं तो ये अन्य संपत्ति वर्गों की तुलना में म्यूचुअल फंड बेहतर रिटर्न दे सकते हैं)।


किन बातों पर नजर रखें
सिर्फ आवेदन फॉर्म भर देना और चेक लिखना ही काफी नही है। आपके निवेश कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं , इस पर नजर रखना भी उतना ही जरूरी है। एक योग्य और पेशेवर निवेश सलाहकार जो आपको सही निर्णय लेने और आपके निवेशों के प्रदर्शन के मापने दोनों में सहायता कर सकता है। साथ ही आपको ये भी जानना चाहिये कि आप खुद की छोटी सी मदद निम्न स्त्रोतों के द्वारा कैसे कर सकते हैं।
फैक्ट शीट और न्यूजलैटर : म्यूचुअल फंड मासिक और त्रैमासिक फैक्ट शीट और न्यूजलैटर प्रकाशित करते हैं जिनमें पोर्टफोलियो की जानकारी ,फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित योजनाओं और उनके प्रदर्शन आंकड़ों की रिपोर्ट प्रकाशित होती है।
वेबसाइट : म्यूचुअल फंड की वेबसाइट प्रदर्शन आंकड़े, दैनिक नेट ऐसेट वैल्यू , फंड फैक्ट शीट , त्रैमासिक न्यूजलैटर और प्रेस क्लिपिंग इत्यादि उपलब्ध कराती है। इसके अलावा भारत में म्यूचुअल फंड एसोसियेशन की वेबसाइट भी है जिसमें दैनिक और ऐतिहासिक नेट असेट वैल्यू और अन्य योजनाओं के बारे में सूचना होती हैं।
समाचार पत्र : समाचार पत्र के पृष्ठों में म्यूचुअल फंड योजनाओं की बिक्री , नेट असेट वैल्यू और रिडेम्पशन मूल्य की जानकारी होती है। इसके अलावा अन्य आर्थिक विश्लेषण और रिपोर्ट भी होती हैं।


याद रखें
आपके लिये सही सूचना की जानकारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसे पाने के लिये आपको बस थोङा सा समय सूचना को समझने और विश्लेषण करने में खर्च करना होगा। जो आपके निवेश की सफलता की संभावना को बढाने के लिये जरूरी है। जितना समय आप धन कमाने में लगाते हैं अगर उसका एक प्रतिशत भी इस पर खर्च करें तो ये अच्छी शुरुआत होगी। इन सबसे ज्यादा एक पेशेवर सलाहकार की मदद सही फंड चुनने के लिये लें जिसमें सिप (सिस्टेमैटिक इन्वेस्ट प्लान),एसटीपी (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) और एकमुश्त निवेश का सही मिश्रण हो। 

Sunday, 10 May 2015

सैंकड़ों साल से अडिग़ खडा़ है ये किला, देखिए इस खूबसूरत किले की खासियत

By flipkart   Posted at  22:53   NEWS No comments


सैंकड़ों साल से अडिग़ खडा़ है ये किला, देखिए इस खूबसूरत किले  की खासियत

यह पूरी दुनिया भी जानती है कि इंडिया पुराने किलों और स्मारकों के लिए फेमस है। भारत के पुराने किले यहां के गौरवशाली इतिहास की गाथओं के बारे में बताते हैं। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में भारत का वर्ल्ड फेमस लाल किला और आगरा का किला शामिल है। इन दो फेसम किलों के अलावा भी भारत में इतने सारे किले हैं, जो देश की विरासत और समृद्धि को दर्शाते हैं। इनमें हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं और फोटो शूट करते हैं। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे किलों के बारे में बता रहे हैं जो देश की धरोहर में शामिल हैं। सबसे पहले देखिए भारत के उस किले को जो पांच सौ साल से भी ज्यादा पुराना हो चुका है, लेकिन अडिग है…

जैसलमेर किला,राजस्थानः
सुनहरे पत्थरों से बना जैसलमेर किला राजस्थान के जैसलमेर शहर में स्थित है। इस किले को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। इस जगह जाकर आप अपने आपको इतिहास से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। इस जगह की सुंदरता देखते ही बनती है। किले की हर एक दीवार इतिहास  को बयान करती है। विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक यह दुनिया का सबसे बड़े किलों में एक है। इसे रावल जैसवाल ने बनवाया था। थार रेगिस्तान के बीचोंबीच इस किले को बनवाया गया था। जैसलमेर किले को सोनार किले के नाम से भी जाना जाता है। गोल्डन किला शहर से 76 किमी दूर त्रिकुटा पहाड़ी पर त्रिकोण आकार में बनाया गया है। इस किले को भारत का दूसरा सबसे पुराना किला माना जाता है। किले में सबसे ज़्यादा आकर्षक जैन मंदिर, रॉयल पैलेस और बड़े दरवाजे हैं। बाहरी लोगों को नहीं पता, जैसलमेर रेगिस्तान का शहर है जो त्रिकुटा पहाड़ी, हवेलियों, और झीलों के लिए फेमस है। इतिहास देखें तो पता चलता है कि जैसलमेर का किला 1156 ई. में निर्मित हुआ था। रावल जैसल द्वारा बना यह किला 80 मीटर ऊंची त्रिकूट पहाड़ी पर है।

अगर इसके हिस्सों के बारे में आप देखना चाहते हैं तो सुन लीजिए यह इनता विशाल है कि इसमें बारह सौ घर हैं और ये तीस फुट ऊंची प्राचीरों से घिरा हुआ है। 30 फीट ऊंची दीवार वाले इस किले में 99 प्राचीर हैं, जिनमें से 92 का निर्माण 1633 और 1647 के बीच कराया गया था और चार विशाल प्रवेश द्वार हैं। इन प्रवेश द्वारों के नाम गणेश पोल, सूरज पोल, अक्षय पोल और हवा पोल हैं। किले के अंदर और भी अनेक सुंदर हवेलियां भी हैं। 

क्रूज से हनीमून पर जाना चाहते हैं तो ये हैं BEST डेस्टिनेशन

By flipkart   Posted at  02:55   NEWS No comments


नई-नई मैरिज हुई है और आप हनीमून डेस्टिनेशन खोज कर रहे हैं, तो दुनिया में कमी नहीं हैं। लेकिन हनीमून का आनंद भी तभी है जब आप कुछ अलग और ऐसा करें जिससे आपका हनीमून हमेशा याद रहे। हनीमून भी लाइफ का एक ऐसा मोमेंट है जहां से आपकी लाइफ की शुरुआत होती हैं। ऐसे में हर कपल चाहता है कि हनीमून यादगार हो। आज हम आपके हनीमून को यादगार बनाने के लिए क्रूज ट्रिप के बारे में बता रहे हैं। ऐसी ट्रिप, जहां पहुंचकर आपको इतनी खुशी होगी कि वापस लौटने पर यादें नहीं भूला पाएंगे।

 फ्रेंच रिवेरा, फ्रांस :- 
हनीमून ट्रिप के लिए आप फ्लाइट की जगह क्रूज से जाएं। भूमध्यभाग में फ्रेंच रिवेरा आपको बेहद पसंद आएगा। यहां की खूबसूरती वाकई देखने लायक है। शाम के वक्त यहां के बीच का नजारा इतना आकर्षक होता है कि आप यहां से कहीं और नहीं जाएंगे। यहां पर आपको मनोरंजन के काफी सारे साधन मिल जाएंगे और प्राकृतिक बनावट आपको मन मोह लेगी। घूमने के अलावा आप यहां पर शॉपिंग का भी लुत्फ ले सकते हैं।




शाम ढलते ही नहीं रुकता कोर्इ,यहाँ पर ये हैं भारत का सबसे हॉन्टेड PLACES

By flipkart   Posted at  02:45   NEWS No comments


भानगढ़ फोर्ट, राजस्थान के अलवर जिले में स्तिथ है। यह भारत का टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भूतों का भानगढ़ कहा जाता है। इस बारे में रोचक कहानी है कि 16 वीं शताब्दी में भानगढ़ बसता है। 300 सालों तक भानगढ़ खूब फलता फूलता है। फिर यहाँ कि एक सुन्दर राजकुमारी रत्नावती पर काले जादू में महारथ तांत्रिक सिंधु सेवड़ा आसक्त हो जाता है। वो राजकुमारी को वश में करने लिए काला जादू करता है पर खुद ही उसका शिकार हो कर मर जाता है । पर मरने से पहले भानगढ़ को बर्बादी का श्राप दे जाता है और संयोग से उसके एक महीने बाद ही पड़ौसी राज्य अजबगढ़ से लड़ाई में राजकुमारी सहित सारे भानगढ़ वासी मारे जाते है और भानगढ़ वीरान हो जाता है। तब से वीरान हुआ भानगढ आज तक वीरान है और कहते है कि उस लड़ाई में मारे गए लोगो के भूत आज भी रात को भानगढ़ के किले में भटकते है। क्योकि तांत्रिक के श्राप के कारण उन सब कि मुक्ति नहीं हो पाई थी।

यह जगह अब पुरात्तव विभाग अधीन है और उन्होंने सूर्यास्त के बाद इसे किले में नहीं रुकने की सख्त हिदायत दे रखी है। सरकार ने भी पर्यटकों को यहां अंधेरा होने से पहले चले जाने की चेतावनी जारी कर रखी है। लोगों का मानना है कि आज भी उस तांत्रिक की आत्मा वही भटकती रहती है। तांत्रिक के श्राप के अनुसार वह स्थान कभी भी बस नहीं सकता। वहां रहने वाले लोगों की मृत्यु हो जाती है, लेकिन उनकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती।

यह है दुनिया की सबसे बडी दीवार, चांद से भी दिखती है इसकी सूरत

By flipkart   Posted at  00:49   NEWS No comments

चीन की 21 हजार 196 किलोमीटर लंबी दीवार देखना सबकी ख्वाहिश होती है। सोचते होंगे कि दुनिया के अजूबों में शामिल यह जगह क्यों न हमारे बीच हो! हमें पता था आप देखेंगे जरूर, इसलिए जानकारी शुरू से अंत तक बता रहे हैं।

ग्रेट वाल मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है, जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार 6,400 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग 6,700 किलो मीटर तक है।

अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था। चीन की रक्षा हेतु ऐसा बॉर्डर बनाने की शुरुआत तब हुई जब आठवीं शताब्दी ईसापूर्व के समय कुई, यान और जाहो राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए इस दीवार का निर्माण किया। ईसा से 221 वर्ष पूर्व चीन किन साम्राज्य में आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी।

अब आप सोच रहे हों कि यह एक दीवार तो दिख नहीं रही, तो आपको बता दें कि पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक 220-206 ई.पू. में चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग ने बनवाई थी। उस दीवार के अंश के कुछ ही अवशेष बचे हैं। यह मिंग वंश द्वारा बनवाई हुई वर्तमान दीवार के सुदूर उत्तर में बनी थी। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊंचा करती है, व युनेस्को द्वारा 1987 से विश्व धरोहर घोषित है।

‘टिपिगेटर एंड्रॉयड ऐप’ से लीजिये ट्रैवलिंग का मजा

By flipkart   Posted at  00:18   NEWS No comments


कैसा हो जब आपके सफर के लिए सारी जानकारियां एक क्लिक पर हाजिर हो जाएं तो? सीधी से बात है खुशी चौगुनी होगी! यहां बताए जा रहे एक ऐप के जरिए टूरिस्ट्स को देश भर में होटलों की उपलब्धता और किराये, विमान किराये और स्थानीय घूमने वाली जगहों से संबंधित जानकारी मिल सकेगी। साथ ही, एक जगह से दूसरी जगह जाने के बारे में और वहां के प्रमुख आकर्षणों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।

1. Tripigator Android App
टूरिस्ट होटल, रेस्तरां, एटीएम कियोस्क और अन्य जरूरी जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं। इंडियन गवर्मेंट ने टिपिगेटर डॉट कॉम के साथ मिलकर ‘टिपिगेटर एंड्रॉयड ऐप’ पेश किया है। ऐप उस इलाके में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी जानकारी मुहैया कराएगा। इस तरह अब अलग-अलग ऐप की बजाय पर्यटकों को एक ही ऐप में सारी जानकारियां मिल जाएंगी। टेक अपडेट्स देंखें तो दिज टाइम स्काइप का अपडेटेड़ वर्जन आपके लिए दूसरी गुड़ न्यूज है।

2. Apdeted version of Skype
माइक्रोसॉफ्ट ने आईफोन के लिए स्काइप का नया अपडेटेड वर्जन 5.7 पेश किया है। इसमें कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं। इसमें चैट के दौरान शेयर की गई इमेज को सेव और डिलीट करने का ऑप्शन दिया गया है। नए वर्जन में यूजर्स लिस्ट को आसानी से सर्च कर सकते हैं। इसमें नया फिल्टर ऑप्शन भी दिया गया है। इसे ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

3. Angry Birds Transformers
एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एंग्री बर्ड ट्रांसफॉर्मर गेम ऐप लॉन्च किया गया है। इस नए गेम ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। गेम का साइज 129 एमबी है। हाल ही में इस गेम को आईओएस के लिए पेश किया गया था। नीचे पढें माइक्रोसॉफ्ट फिटनेस ट्रैकर बैंड के बारे में –

4. Microsoft Fitness Tracker band
माइक्रोसॉफ्ट ने फिटनेस टैकर बैंड पेश किया है, जो एंड्रॉयड के साथ आईओएस और विंडोज फोन को भी सपोर्ट करता है। बैंड की पतली टचस्क्रीन पर आप टेक्स्ट, ईमेल और ट्विटर के एलर्ट देख सकते हैं। इस बैंड में हार्ट रेट को मापने के लिए सेंसर लगाए गए हैं। विंडोज 8.1 फोन यूजर्स कोर्टाना पर बैंड की मदद से आवाज के जरिए नोट्स ले सकते हैं या फिर रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। कंपनी का दावा है कि एक बार चार्ज करने पर इसकी बैटरी 48 घंटे तक चलेगी। इसकी कीमत करीब 12000 रुपये है।

हिमालय में ये हैं भारत की ऐसी झील, जहां मिलता है एडवेंचर से भरपूर सुकून

By flipkart   Posted at  00:07   NEWS No comments





हिमालय को सदियों से हिंदुस्तान का पहरेदार कहा जाता है। इसकी पर्वत श्रृंखला में न केवल दुनिया की सबसे उूंची चोटियां हैं, बल्कि भगवान शिव के वासस्थल कैलाश और मानसरोवर भी यहीं पडते हैं। यहां मंदिरों से सटे सैकडों झीलें और पवित्र तालाब हैं, जिनमें स्नान करना बहुत दुर्लभ माना जाता है। भारत के अलावा तिब्बत, नेपाल, भूटान और पाकिस्तान में भी महान हिमालय की कर्इ चोटी हैं, जिनकी उूंचार्इ 5 किलोमीटर से ज्यादा है। इन्ही चोटियों में पर्यटकों को खींच लाने वाली विश्वप्रसिद्घ झील उपस्थित हैं। कहीं-कहीं तो जमे जल पर घर भी हैं। न केवल यहां के लोग भारत की इन सम्पदाओं पर गर्व करते हैं, बल्कि दुनियाभर के तीर्थयात्री भी कायल हैं।

. नागिन झील, श्रीनगर
स्वर्ग का टुकडा कहे जाने वाले कश्मीर में यह झील देश की सबसे सुंदर झीलों में से एक है। डल लेक के एक हिस्से को छूतीं और पहाडियाें की तलहटी में मौजूद ‘नागिन’ में हिमालय का स्वच्छ जल भरा रहता है। जब्रवन, शंकराचार्य पहाडी और हरि पर्वत से घिरी यह प्रसिद्घ झील श्रीनगर में एेतिहासिक इकाई है। हिमालय श्रंखला में इसके अतिरिक्त मानसबल झील, वुलर झील, गंगाबल झील, गाडसर, शेषनाग झील, विशनसर और कृशनसर जैसी पवित्र जगह भी हैं। तीर्थयात्रा में यहां आप हाउस बोट और स्विमिंग से भी दिल ठंडा कर सकते हैं। स्लाइडस में देखें, इन चित्रों को छुकर हिमालय की 9 बाकी सर्वोच्च लेक्स ……..




देखिए दुनिया की सबसे खतरनाक सड़क, यहां बना रहता है मौत का खौफ

By flipkart   Posted at  00:02   NEWS No comments


कहते हैं जो रास्ते जितने अधिक सुंदर होते हैं, उतने ही खतरनाक भी। सच ही है। इस दुनिया में कई ऐसी सड़कें हैं, जिन पर सफर करने का अपना एक अलग ही मजा है। ऐसी सड़कें स्थानीय लोगों के अलावा टूरिस्ट का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित करती हैं। वहीं, देश-दुनिया के तमाम हिस्सों में कुछ ऐसी सड़कें भी हैं, जिन पर चलने का मतलब मौत को बुलावा देना है। इसके बावजूद ऐसी सड़कों पर लोगों की आवाजाही बनी रहती है। प्रेमी युगल वैन्स पर इन मजेदार घुमावों से होते हुए घूमते रहते हैं।

आपने पढा होगा कि यूरोप महाद्वीप में एक ऐसा देश है जहां रात में भी सूर्य चमकता है, तो आपको बता दें कि उसी नॉर्वे में ‘ट्रॉलस्टिगन’ भी एक ऐसी सड़क है, जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक सड़कों में शुमार किया जाता है। इसे ‘रोड ऑफ डेथ’ या ‘डेथ रोड’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पहाड़ी रोड है, जो नॉर्वे के राउमा शहर के अन्डाल्सनेस और नॉर्डल के वर्डाल गांव को जोड़ती है। इस सड़क से रोजाना लगभग 2,500 लोग गुजरते हैं। इस पहाड़ी से एक झरना भी निकलता है, जो बेहद खूबसूरत लगता है। यह झरना 320 मीटर ऊंचे पहाड़ी से नीचे गिरता है।

यदि आप दुर्घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं तो एक अनुमान के मुताबिक हर साल यहां 200 से 300 लोग मरते हैं। सड़क के सबसे ज्यादा डेंजर पॉइंट्स पर मार्किंग की गई है। बारिश, धुंध और मिट्टी के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है, वहीं कुछ जगहों पर सड़क भी टूटी है, जिस कारण से एक्सीडेंट की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, जरूरत के मुताबिक समय-समय पर इन सड़कों पर मरम्मत कार्य किए जाते हैं, तब इन सड़कों पर आवाजाही बंद कर दी जाती है। इस रोड का निर्माण कार्य 1928 में शुरू हुआ था और 8 साल में यह तैयार हुआ था। इस सड़क का उद्घाटन 31 जुलाई 1936 को किंग हाकोन VII ने किया था। यहां दिए जा रहे हैं चुन-चुन कर इस मौतरूपी खूबसूरत सडक़ के चित्र, एक जने पर मारें क्लिक, खुलती जाएगी लिस्टः








Saturday, 9 May 2015

कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ मदर्स डे

By flipkart   Posted at  23:50   NEWS No comments


मां , दुनिया के हर बच्चे के लिए सबसे खास सबसे प्यारा रिश्ता। उस मां को सम्मानित करने के लिए मई माह के दूसरे रविवार को विशेष दिवस मनाया जाता है। लेकिन अलग-अलग देशों में इस दिन को मनाने की अलग-अलग कहानी है।

मदर्स डे ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जॉर्विस द्वारा समस्त माताओं और उनके गौरवमयी मातृत्व के लिए तथा विशेष रूप से पारिवारिक और उनके परस्पर संबंधों को सम्मान देने के लिए आरंभ किया गया था। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं। इस दिन कई देशों में विशेष अवकाश घोषित किया जाता है।

कुछ विद्वानों का दावा है कि मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा का रिवाज पुराने ग्रीस से आरंभ हुआ है। कहा जाता है कि स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता था।

यह दिन त्योहार की तरह मनाने की प्रथा थी। एशिया माइनर के आस-पास और साथ ही साथ रोम में भी वसंत के आस-पास इदेस ऑफ मार्च 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था। यूरोप और ब्रिटेन में मां के प्रति सम्मान दर्शाने की कई परंपराएं प्रचलित हैं। उसी के अंतर्गत एक खास रविवार को मातृत्व और माताओं को सम्मानित किया जाता था। जिसे मदरिंग संडे कहा जाता था। मदरिंग संडे फेस्टिवल, लितुर्गिकल कैलेंडर का हिस्सा है। यह कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे, लेंट में चौथे रविवार को वर्जिन मेरी और ‘मदर चर्च’ को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं। परंपरानुसार इस दिन प्रतीकात्मक उपहार देने तथा मां का हर काम परिवार के सदस्य द्वारा किए जाने का उल्लेख मिलता है।अमेरिका में सर्वप्रथम मदर डे प्रोक्लॉमेशन जुलिया वॉर्ड होवे द्वारा मनाया गया था। होवे द्वारा 1870 में रचित “मदर डे प्रोक्लामेशन” में अमेरिकन सिविल वॉर (युद्घ) में हुई मारकाट संबंधी शांतिवादी प्रतिक्रिया लिखी गई थी। यह प्रोक्लामेशन होवे का नारीवादी विश्वास था जिसके अनुसार महिलाओं या माताओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को आकार देने का संपूर्ण दायित्व मिलना चाहिए।

1912 में एना जॉर्विस ने सेकंड संडे इन मई फॉर ‘मदर्स डे’ को ट्रेडमार्क बनाया और मदर डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन किया। गूगल से जानकारी ढूंढने जाएं तो मदर्स डे के दो प्राथमिक परिणाम सामने आते हैं, वो है,लेंट में मदरिंग संडे, ब्रिटिश कैलेंडर के चौथे संडे के रूप में और मई के दूसरे संडे के रूप में।

बाद में यह तारीखें कुछ इस तरह बदली कि वि‍भिन्न देशों में प्रचलित धर्मों की देवी के जन्मदिन या पुण्य दिवस को इस रूप में मनाया जाने लगा। जैसे कैथोलिक देशों में वर्जिन मैरी डे और इस्लामिक देशों में पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा के जन्मदिन की तारीखों से इस दिन को बदल लिया गया। वैसे कुछ देश 8 मार्च वुमंस डे को ही मदर्स डे की तरह मनाते हैं। यहां तक कि कुछ देशों में अगर मदर्स डे पर अपनी मां को विधिव‍त सम्मानित नहीं किया जाए तो उसे अपराध की तरह देखा जाता है। चीन में मातृ दिवस बेहद लोकप्रिय है और इस दिन उपहार के रूप में गुलनार के फूल सबसे अधिक बिकते हैं। 1997 में चीन में यह दिन गरीब माताओं की मदद के लिए निश्चित किया गया था। खासतौर पर उन गरीब माताओं के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों, जैसे पश्चिम चीन में रहती हैं।

जापान में मातृ दिवस शोवा अवधि के दौरान महारानी कोजुन (सम्राट अकिहितो की मां) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता था। आज कल इसे अपनी मां के लिए ही लोग मनाते हैं। बच्चे गुलनार और गुलाब के फूल उपहार के रूप में मां को अवश्य देते हैं।

थाईलैंड में मातृत्व दिवस थाइलैंड की रानी के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

भारत में इसे कस्तुरबा गांधी के सम्मान में मनाए जाने की परंपरा है।

Friday, 8 May 2015

इस प्रकार चला सकते हे आप विंडोज एप्पल आईफोन के गेम्‍स अौर एप्‍लीकेशन

By flipkart   Posted at  06:56   NEWS No comments
 इस प्रकार चला सकते हे आप विंडोज एप्पल आईफोन के गेम्‍स अौर एप्‍लीकेशन

एप्पल आईफोन को हमेशा अन्‍य स्‍मार्ट फोन से अलग रखा जाता है, इसकी डिजायन इसका अॉपरेटिंग सिस्‍टम हमेशा सबसे अलग होते हैं, एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस के गेम्‍स अौर एप्‍लीकेशन केवल एप्पल की डिवाइसों जैसे आईफोन, आईपैड पर ही काम करते हैं-

लेकिन एक तरीका ऐसा भ्‍ाी है जिससे आप एप्पल आईफोन के गेम्‍स अौर एप्‍लीकेशन का मजा अपने कंप्यूटर पर उठा सकते हैं अौर अगर अापने अभी तक ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस चलाकर नहीं देखा है तो यह आपके लिये एक अच्‍छा अनुभव भी हो सकता है  -

इसके लिये अापको जरूरत होगी Ipadian ios simulator की जिसे आप xpadian.com से डाउनलोड कर सकते हैं, इससे आप Facebook, WhatsApp, Angry Birds, Cut The Rope के अलावा लगभग 300 तरह की आईओएस एप्‍लीकेशन को अपने विंडोज 7 और 8 प्‍लेटफार्म पर बडी अासानी से चला सकते हैं। 

मोबाइल नंबर के मालिक का नाम पता लगाए चुटकियो में इस वेबसाइट से

By flipkart   Posted at  05:01   NEWS No comments


 कभी कभी हमको परेशानी होने लगती है कभी कभी अनजान नंबर से मोबाइल पर आई कॉल देखकर आप संकोच में पड़ जाते है आखिर यह कॉल आई कहां से और किसने की यह कॉल ऐसे मे आप सोचते है कि काश कोई ऐसा साधन होता जिससे मालूम किया जा सकता कि यह कॉल आई कहां से है
वेसे तो इन्टरनेट की दुनिया पर बहुत सी ऐसी साईट है जहा आप मोबाइल नम्बर सर्च करके उसकी लोकेसन का पता लगा सकते है लेकिन ये साइटे केवल मोबाइल नंबर के ओपरेटर और लोकेसन का ही पता देती है की ये नम्बर कोन सी कम्पनी और स्टेज का है आप यहाँ क्लीक करके किसी भी मोबाइल नम्बर को सर्च कर सकते हो इस साईट पर आपको और भी बहुत कुछ मिलेगा जो आपके काम आएगा मोबाइल नम्बर सर्च करने के बाद आपको बस मोबाइल नम्बर की लोकेसन का पता चलेगा

लेकिन आज मैं आपके लिए जो साईट लेकर आया हु वो आपको मोबाइल नम्बर के मालिक का नाम भी बताएगी जिस नाम से वो नम्बर रजिस्टर हुवा होगा अगर आपके पास कोई मिस काल आती है तो आप इस साईट के द्वारा उस नंबर के मालिक का नाम पता लगा सकते है वेसे ये साईट अभी बहुत से नम्बर को स्पोट नहीं करती है लेकिन आने वाले टाइम में ये स्पोट करना शुरू कर देगी और इस साईट की सबसे बड़ी खासियत ये है की ये आपको आपके मोबाइल के लिए भी एप्लीकेशन देती है जिसे आप अपने मोबाइल में डाल कर भी किसी भी नंबर को सर्च कर सकते है चलो अब आपको उस साईट पर लेकर चलता हु जहा से आप मोबाइल नम्बर के मालिक का नाम पता लगा सकते है आप यहाँ क्लीक करके उस साईट पर जा सकते है जो आपको मोबाइल नम्बर के मालिक का नाम बताएगी

यूटयूब से वीडियो कैसे डाउनलोड करें - How to Download Youtube Videos

By flipkart   Posted at  04:38   NEWS No comments


यूटयूब दुनिया की सबसे ज्‍यादा देखे जाने वाली बेवसाइटों में से एक है, पुराने से पुराने गानों से लेकर नई फिल्‍मों के नये गाने तक सबकुछ यूटयूब पर लोड है, लेकिन अभी तक यूटयूब ने वीडियो डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्‍ध नहीं करा रखी है, फिर भी ऐसे कई टूल्‍स हैं, जिसने आप बडी आसानी से यूटयूब वीडियो डाउनलोड कर सकते हैं-

Chrome क्रोम ब्राउजर में आपको YouTube Downloader डाउनलोड करने के लिये Chrome Web Store में जाना होगा और YouTube downloader सर्च करके डाउनलोड करना होगा, प्‍लगइन डाउनलोड होने के के बाद आप यू ट्यूब वीडियो जिस फार्मेट में चाहे उस फार्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।

Firefox अगर आप फायरफॉक्‍स यूजर हैं जो आप Download Helper और Net Video Hunter जैसे प्‍लग इन यूज कर सकते हैं, जिससे बडी ही आसानी से यूटयूब वीडियो डाउनलोड किया जा सकता है, प्‍लग इन इंस्‍टाल करने के लिये फायरफॉक्‍स के menu bar में Add-ons पर क्‍लिक कीजिये और सर्च बार में Download Helper या Net Video Hunter टाइप कीजिये तथा इंस्‍टाल कीजिये, अब ब्राउजर को बन्‍द करके दोबारा ओपन कीजिये, अब इसी ब्राउजर में यूटयूब ओपन कीजिये और किसी भी वीडियो को चलाइये, यहॉ आपको डाउनलोड बटन दिखाई देगा, जिससे यूटयूब वीडियो डाउनलोड होना शुरू हो जायेगा।

http://keepvid.com/ और http://en.savefrom.net/ ऐसे ऑनलाइन टूल्‍स है, जिससे आप आसानी से यूटयूब वीडियो डाउनलोड कर सकते हैं, बस आपको यहॉ दिये गये बाक्‍स में यूटयूब वीडियो को यूआरएल पेस्‍ट करना होगा और कुछ ही पलों में आपको डाउनलोड लिंक दे दिया जायेगा।

http://www.freemake.com/free_video_downloader/ फ्रीमेक के बारे में आपको पहले भी बता चुके हैं, यह एक बेहतरीन एप्‍लीकेशन है, जिसे आप freemake की बेवसाइट से निशुल्‍क डाउनलोड कर सकते हैं, इससे बेहद आसानी से वीडियो डाउनलोड किया जा सकता है, साथ ही उसे mp3, mp4, 3gp के अलावा अन्‍य वीडियो फार्मेट में रीयल टाइम में कन्‍वर्ट किया जा सकता है।

कुछ बेहतरीन वेबसाईट जो आपको हर बात याद दिलाएगी

By flipkart   Posted at  03:56   NEWS No comments


आज मुझे नेट पर ऍसी जानकारी मिली है जो आपको हर बात याद दिलाएगी अगर आप कमाल की याददाश्त के मालिक हैं तो बात अलग है, वरना हममें से लगभग हर इंसान कभी-न-कभी अपने जरूरी काम, तारीखें, बर्थडे , दूसरों से किए वादे आदि भूल जाता है। अगर आप भी बार-बार डेडलाइन मिस करने और बर्थडे भूल जाने की आदत से परेशान हैं तो क्यों न एक नजर इंटरनेट पर डालें, जहां आपके काम की कई फ्री सेवाएं मौजूद हैं। अगर आप इन रिमाइंडर सेवाओं का यूज करते हैं तो किसी अहम तारीख को नहीं भूलेंगे।

फोरलेटर (forlater.net)

यह वेबसाइट आपको किसी जरूरी तारीख को खुद को ही ई-मेल भेजने का मौका देती है। अगर 7 नवंबर को आपकी मैरिज एनिवर्सरी है तो रिमाइंडर ई-मेल के लिए 6 नवंबर की तारीख कैसी रहेगी? अगर फिर भी भूल जाने का डर है तो फिर 7 नवंबर ही क्यों नहीं? वेबसाइट के होमपेज पर किसी आम ई-मेल सेवा जैसा ही 'कम्पोज बॉक्स' मौजूद है। अपना ई-मेल एड्रेस और मेसेज टाइप करें और वह तारीख बताएं, जिस दिन आप ई-मेल पाना चाहते हैं। अब अगर आप भूल भी जाते हैं तो फिक्स की गई तारीख पर आपके ई-मेल अकाउंट में आने वाला मेसेज उस जरूरी तारीख के बारे में आपको याद दिला देगा।

मेमो टु मी (memotome.com)
खुद को या दोस्त आदि किसी को भी जरूरी काम, तारीख या जिम्मेदारी की याद दिलाने के लिए इस फ्री सेवा को आजमा सकते हैं। अगर आप माकेर्टिंग डिपार्टमेंट के हेड हैं और हर हफ्ते अपनी टीम मैम्बर्स से उनकी रिपोर्ट मांगते-मांगते थक गए हैं तो मेमो टू मी पर एक परमानेंट ई-मेल रिमाइंडर क्यों नहीं बना लेते? वेबसाइट को निर्देश दें कि वह हर सोमवार की सुबह-सुबह सबके ई-मेल अकाउंट्स में मेसेज भेज दे। वेबसाइट आपकी तरफ से सबको रिमाइंड कराती रहेगी, भले ही आप ऑफिस या शहर में भी न हों। अगर आप कुछ पैसे खर्च करने को तैयार हैं तो 'प्लैटिनम अकाउंट' लेकर इसी तरह के मेसेज अपने मोबाइल पर भी पा कर सकते हैं।

लेटर मी लेटर (lettermelater.com)

जैसा कि नाम से जाहिर है, यह सेवा देर से भेजे जाने वाले मेसेज तैयार करने की सुविधा देती है। आप खुद को या दूसरों को ऐसे मेसेज भेज सकते हैं और चाहें तो उन्हें बार-बार भेजे जाने का निर्देश भी दे सकते हैं। एक बार फ्री मेम्बरशिप लेने के बाद आपको बार-बार इस वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं है। अपने कॉमन ई-मेल अकाउंट से ही इस सेवा का यूज किया जा सकता है। बस me@lettermelater.com ई-मेल एड्रेस पर तय फॉरमेट में ई-मेल भेज दें और आपका मेसेज कुछ दिन, हफ्ते या महीनों के बाद सही व्यक्ति तक पहुंचा दिया जाएगा। अगर आपका मोबाइल ऑपरेटर ई-मेल के जरिए एसएमएस भेजने की सुविधा देता है तो एसएमएस रिमाइंडर भेजने के लिए भी इस वेबसाइट का यूज कर सकते हैं।

मार्क द डे (marktheday.com)
कोई खास मौका हो या फिर खास मुलाकात, किसी व्रत-त्योहार की तारीख हो या कोई पसंदीदा टीवी शो, मार्क द डे की फ्री मेम्बरशिप लेने के बाद आप अपने सभी जरूरी काम वक्त पर करने के लिए बेफ्रिक हो सकते हैं। यह वेबसाइट आपको अपना कैलेंडर तैयार करने का मौका देती है, जिसमें निजी कामों से लेकर डॉक्टर के अपाइंटमेंट और छुट्टी की तारीखों से लेकर बच्चों के स्कूल फंक्शन तक का ब्यौरा डाला जा सकता है। ठीक समय पर यह वेबसाइट आपको ई-मेल भेजकर उस जरूरी काम की याद दिला देगी। अगर डर है कि आप अपने दोस्तों और आदि को बर्थडे विश करना न भूल जाएं तो यहां एडवांस में ही ई-कार्ड तैयार कर सकते हैं, जो निश्चित तारीख पर ई-मेल के जरिए भेज दिए जाएंगे।

टास्क (task.fm)

इस साइट से आप ई-मेल अकाउंट के साथ-साथ मोबाइल पर भी रिमाइंडर भेज सकते हैं। आप चाहें तो इसे अपने ट्विटर अकाउंट से भी जोड़ सकते हैं। यह सविर्स दो अलग-अलग श्रेणियों में उपलब्ध है - फ्री और प्रो। फ्री सविर्स के तहत भेजे जाने वाले ई-मेल रिमाइंडर्स की कोई सीमा नहीं है लेकिन महीने में सिर्फ 5 मोबाइल फोन एसएमएस रिमाइंडर भेजे जा सकते हैं। आप चाहें तो एक ही रिमाइंडर को कई बार दोहराने का निदेर्श भी दे सकते हैं। इस वेबसाइट पर कॉन्टैक्ट लिस्ट बनाने की सुविधा भी है और आप अपने साथ-साथ उन सबको भी रिमाइंडर या मेसेज भेज सकते हैं। हालांकि इंंडिया में एसएमएस रिमाइंडर का आना इस बात पर डिपेंड करेगा कि आपका मोबाइल फोन ऑपरेटर इस साइट की सेवा को सपोर्ट करता है या नहीं।

रिस्नूज (resnooze.com)
अगर आप चाहते हैं कि कोई चीज आपको बार-बार याद दिलाई जाए, जैसे यह कि आपको रोजाना योग की क्लास में जाना है, तो इस साइट को आजमाएं। आपको बस अपना ई-मेल एड्रेस, मेसेज और याद दिलाने की अवधि (साप्ताहिक, मासिक या रोजाना) बतानी है। उसके बाद यह वेबसाइट इतने मेसेज भेजेगी कि आप उन्हें शायद ही अनदेखा कर पाएं। वैसे आप जब चाहें, मेसेजेस की इस बाढ़ को रोक भी सकते हैं। अगर कोई वेब यूआरएल भूलने का डर हो, किसी दोस्त को दी हुई किताब वापस लेनी हो, कोई जरूरी फोन कॉल याद रखना हो, बिजली या फोन का बिल समय पर देना हो या किसी घटना के बारे में अपडेट रखना हो तो यह आसान-सी वेबसाइट बड़े काम की साबित होगी। आप चाहें तो अपने दोस्तों को भी रिमाइंडर भेज सकते हैं।

हैसल मी (hassleme.co.uk)

जो लोग अपने छोटे-छोटे काम भूल जाते हैं (जैसे कोई जरूरी लेटर लिखना या पोस्ट करना, बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट लेना आदि) तो यहां जाकर एक मेसेज तैयार करें। आपके ई-मेल एड्रेस पर बार-बार रिमाइंडर आने लगेंगे, जब तक कि आप तंग न हो जाएं। शायद इसीलिए इसका नाम हैसलमी (मुझे तंग करो) रखा गया है। बहरहाल, तंग होकर ही सही, सही समय पर सही काम हो जाए तो क्या बुरा है?

कैसे करें रेफ्रिजरेटर की साफ-सफाई

By flipkart   Posted at  01:04   NEWS No comments


कैसे करें रेफ्रिजरेटर की साफ-सफाई

जब भी फ्रिज साफ करना हो तो सफाई करने से पहले फ्रिज से बची हुईं सब्जियां और फल बाहर निकाल दें।

तत्पश्चात फ्रिज के बेस पर पेपर बिछाकर डी-फ्रॉस्ट करके दरवाजा बंद करें। थोड़ी देर बाद भीगे हुए पेपर को अंदर की गंदगी साफ करते हुए निकाल लें।

बचा हुआ खाना फ्रिज में ज्यादा दिन तक न रखें, इससे उसमें बदबू फैलती है।

माइक्रो फाइबर के कपड़े से फ्रिज की ऊपरी सफाई करें।

अगर आपके फ्रिज से बदबू आ रही हो तो उसे दूर करने के लिए बेकिंग सोडा सफाई के दौरान इस्तेमाल करें। इससे फ्रिज की बदबू दूर हो जाएगी।

यदि‍ फ्रि‍ज में एक गुच्‍छा पोदीना का रख दें तो फ्रि‍ज के अंदर की हवा में कोई महक नहीं पनप सकती है।

भारत के कुछ ऐसे किले जिनका इतिहास जानकार आप हैरान रह जाएंगे।

By flipkart   Posted at  00:48   NEWS No comments















प्राचीनकाल में विशालकाय महल और मंदिर बनते थे। नगर को चारों ओर से सुरक्षित करने के लिए परकोटे बनते थे अर्थात चारों ओर विशालकाय पत्थरों की दीवारें होती थीं और उन दीवारों में चारों दिशाओं में 4 दरवाजे होते थे। मध्यकाल में विदेशी आक्रमण के चलते भव्य किले बनाए जाने लगे। किले को 'दुर्ग' कहा जाता है।
किले
ऐसे किले हमारे गौरवशाली इतिहास और युद्ध को दर्शाते हैं। इनमें से ‍कुछ किलों को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में भी शामिल किया गया है। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे किलों के बारे में बता रहे हैं जिनका इतिहास जानकार आप हैरान रह जाएंगे।

 लाल किला : जब किलों की बात होती है ‍तो जुबान पर लाल किले का नाम सबसे पहले आता है। यह किला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह किला दिल्ली में स्थित है। इस किले के अंदर देखने लायक कई चीजें हैं। मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास देखने के लिए काफी लोग रोज ही आते हैं। यह किला यमुना नदी के किनारे है।


यह भारत की सबसे महत्वपूर्ण धरोहरों में से एक है, जहां से देश के प्रधानमंत्री देश के लोगों को संदेश देते हैं और स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराते हैं। लाल किले का निर्माण तोमर शासक राजा अनंगपाल ने 1060 में किया था। बाद में पृथ्वीराज चौहान ने इसका पुनर्निर्माण कराया और फिर मुगलों के शासन के दौरान इस किले को मुगल बादशाह शाहजहां ने तुर्क लुक दिया।

लाल कोट अर्थात लाल रंग का किला, जो कि वर्तमान दिल्ली क्षेत्र का प्रथम निर्मित नगर था। इसकी स्थापना तोमर शासक राजा अनंगपाल ने 1060 में की थी। साक्ष्य बताते हैं कि तोमर वंश ने दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में लगभग सूरजकुंड के पास शासन किया, जो 700 ईस्वी से आरंभ हुआ था। फिर चौहान राजा पृथ्वीराज चौहान ने 12वीं सदी में शासन ले लिया और उस नगर एवं किले का नाम किला राय पिथौरा रखा था। राय पिथौरा के अवशेष अभी भी दिल्ली के साकेत, महरौली, किशनगढ़ और वसंतकुंज क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।


 आगरा का किला : उत्तरप्रदेश के आगरा में स्थित आगरा का किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में दर्ज है। इस किले में मुगल बादशाह बाबर, हुंमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां व औरंगजेब रहते थे। यहीं से उन्होंने आधे भारत पर शासन किया। ये सभी विदेशी थे जिन्हें भारत में 'तुर्क' कहा जाता था। इन तुर्क शासकों ने इस चौहानवंशी किले पर कब्जा करके इसे अरबी लुक दिया।

आगरा का किला मूलतः एक ईंटों का किला था, जो चौहान वंश के राजपूतों के पास था। इस किले का प्रथम विवरण 1080 ईस्वी में आता है, जब महमूद गजनवी की सेना ने इस पर कब्जा कर लिया था। पुरुषोत्तम नागेश ओक की किताब 'आगरे का लाल किला हिन्दू भवन है' में भी इसका जिक्र है।

सिकंदर लोधी (1487-1517) ने भी इस किले में कुछ दिन गुजारे थे। लोधी दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान था। उसकी मृत्यु भी इसी किले में 1517 में हुई थी। इसके बाद उसके पुत्र इब्राहीम लोधी ने गद्दी संभाली।

पानीपत के युद्ध के बाद यह किला मुगलों के हाथ में आ गया। यहां उन्हें अपार संपत्ति मिली। फिर इस किले में इब्राहीम के स्थान पर बाबर आया और उसने यहीं से अपने क्रूर शासन का संचालन किया।

इतिहासकार अबुल फजल ने लिखा है कि यह किला एक ईंटों का किला था जिसका नाम बादलगढ़ था। यह तब खस्ता हालत में था तब अकबर ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। हिन्दू शैली में बने किले के स्तंभों में बाद में तुर्क शैली में नक्काशी की गई। बाद में अकबर के पौत्र शाहजहां ने इसे अपने तरीके से रंग-रूप दिया। उसने किले के निर्माण के समय राजपुताना समय की कई पुरानी इमारतों व भवनों को तुड़वा भी दिया था।


चित्तौड़गढ़ का किला : यह किला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। चित्तौड़गढ़ में भारत के सबसे पुराने और भव्य किले देखने को मिलेंगे। उन्हीं किलों में से एक चित्तौड़ का किला है। यह किला बेराच नदी के किनारे स्थित जमीन से लगभग 500 फुट ऊंचाई वाली एक पहाड़ी पर बना हुआ है। इसे 'पानी का किला' भी कहा जाता है, ‍क्योंकि यहां 84 पानी की जगहें हैं। चित्तौड़गढ़ का किला चित्तौड़गढ़-बूंदी रोड से लगभग 4 से 5 किमी की दूरी पर स्थित है।

इस किले में 7 दरवाजे हैं जिनके नाम हिन्दू देवताओं के नाम पर पड़े हैं। प्रथम प्रवेश द्वार पैदल पोल के नाम से जाना जाता है, जिसके बाद भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्मण पोल और अंत में राम पोल है, जो सन् 1459 में बनवाया गया था। किले की पूर्वी दिशा में स्थित प्रवेश द्वार को सूरज पोल कहा जाता है। इस किले में कई सुंदर मंदिरों के साथ-साथ रानी पद्मिनी और महाराणा कुम्भा के शानदार महल हैं। हालांकि इस किले के कई हिस्से अब खंडहर में बदल चुके हैं।

लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र में फैला चित्तौड़गढ़ का यह किला राजपूत शौर्य के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रखता है। यह किला 7वीं से 16वीं शताब्दी तक सत्ता का एक महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। इस किले पर 3 बार आक्रमण किए गए। पहला आक्रमण सन् 1303 में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा, दूसरा सन् 1535 में गुजरात के बहादुरशाह द्वारा तथा तीसरा सन् 1567-68 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा किया गया था।


सोनार किला :
राजस्थान में पहाड़ी दुर्ग, जल दुर्ग, वन दुर्ग और रेगिस्तानी दुर्ग के बेमिसाल उदाहरण देखने को मिलते हैं। जैसलमेर के किले को 'रेगिस्तानी दुर्ग' कहते हैं। रेगिस्तान के बीचोबीच स्थित यह दुनिया के सबसे बड़े किलों में से एक है। इसे रावल जैसवाल ने 1156 ईस्वी में बनवाया था। जैसलमेर किले को 'सोनार किले' के नाम से भी जाना जाता है।

सुबह सूर्य की अरुण चमकीली किरणें जब इस दुर्ग पर पड़ती हैं तो बालू मिट्टी के रंग-परावर्तन से यह किला पीले रंग से दमक उठता है। सोने-सी आभा देने के कारण इसे 'सोनार किला' या 'गोल्डन फोर्ट' भी कहा जाता है। इस दुर्ग की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस दुर्ग के चारों ओर 99 गढ़ बने हुए हैं। इनमें से 92 गढ़ों का निर्माण 1633 से 1647 के बीच हुआ था।

यह किला शहर से 76 किमी दूर त्रिकुटा पहाड़ी पर त्रिकोण आकार में बनाया गया है। किले में सबसे ज्यादा आकर्षक जैन मंदिर, रॉयल पैलेस और बड़े दरवाजे हैं। जैसलमेर रेगिस्तान का शहर है, जो त्रिकुटा पहाड़ी, हवेलियों और झीलों के लिए प्रसिद्ध है।

यही वह दुर्ग है जिसने 11वीं सदी से 18वीं सदी तक अनेकानेक उतार-चढ़ाव देखते गौरी, खिलजी, फिरोजशाह तुगलक और ऐसे ही दूसरे मुगलों के भीषण हमलों को लगातार झेला है। कभी सिंधु, मिस्र, इराक, कांधार और मुलतान आदि देशों का व्यापारिक कारवां देश के अन्य भागों को यहीं से जाता था। कहते हैं कि 1661 से 1708 ई. के बीच यह दुर्ग नगर समृद्धि के चरम शिखर पर पहुंच गया। व्यापारियों ने यहां स्थापत्य कला में बेजोड़ हवेलियों का निर्माण कराया तो हिन्दू, जैन धर्म के मंदिरों की आस्था का भी यह प्रमुख केंद्र बना।

कहा जाता है कि महाभारत काल में जब युद्ध समाप्त हो गया और भगवान कृष्ण ने अर्जुन को साथ लेकर द्वारिका की ओर प्रस्थान किया, तब इसी नगर से कभी उनका रथ गुजरा था। रेगिस्तान के बीचोबीच यहां की त्रिकुट पहाड़ी पर कभी महर्षि उत्तुंग ने तपस्या की थी।


पन्हाला किला : पन्हाला किला महाराष्ट्र के पन्हाला क्षेत्र में है। इस किले का निर्माण लगभग 900 साल पहले 12वीं शताब्दी में राजा भोज ने कराया था। इस किले का निर्माण सुरक्षा के उद्देश्य से किया गया था और यहां पर प्रवेश मजबूत दोहरी दीवारों से किया जा सकता था।

पन्हाला किले को पन्हालगढ़, पाहाला और पनाल्ला के नाम से भी जाना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘सांपों का घर’। पन्हाला किला महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उत्तर-पश्चिम दिशा में 20 किलोमीटर दूर स्थित है।

इसका निर्माण शिल्हर शासक भोज-II द्वारा सन् 1178 से 1209 के बीच सहयाद्री पर्वत श्रृंखला से जुड़े ऊंचे भू-भाग पर करवाया गया था। इस किले का आकार कुछ त्रिकोण-सा है और चारों तरफ के परकोटे की लंबाई लगभग 7.25 किलीमीटर बताई जाती है।

यह किला कई राजवंशों के अधीन रह चुका है। यादवों, बहमनी, आदिलशाही आदि के हाथों से होते-होते सन् 1673 में इस किले का आधिपत्य छत्रपति शिवाजी के अधीन हो गया। शिवाजी ने इस किले को अपना मुख्यालय बना लिया था।

सिंधुदुर्ग : 'सिंधुदुर्ग' नाम मूल रूप से मराठी शब्द है जिसका मतलब है- महासागर पर निर्मित किला या महासागर किला। सिंधुदुर्ग किले को छत्रपति शिवाजी द्वारा 1664 से 1667 तक 3 साल के भीतर बनवाया गया था। 'कर्टे द्वीप' पर खड़े इस विशाल किले का निर्माण करने के लिए गोवा से 100 पुर्तगाली वास्तुविज्ञ और 3,000 मजबूत कारीगरों को तैनात किया गया था।

यह किला मराठा साम्राज्य के स्वर्णिम युग का मूक गवाह और अरब सागर में मराठों के आधिपत्य का प्रत्यक्ष प्रमाण है। किले में शिवाजी को समर्पित एक मंदिर भी है जिसे राजाराम ने बनवाया था। किले की दीवारों पर राजा के हाथ और पैरों के निशान देखे जा सकते हैं।

मुंबई से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिंधुदुर्ग ऊंचे पहाड़ों, समंदर का किनारा और एक शानदार दृश्यों के साथ संपन्न यह जगह पर्यटकों को आकर्षित करती है।

पूरा जिला ही घने वन से आच्छादित है। वनस्पतियों और पशु वर्ग की बहुत-सी प्रजातियां किसी भी प्रकृति प्रेमी को खुश करने के लिए काफी हैं। तेंदुआ, जंगली सूअर, नेवला, जंगली खरगोश, हाथी, जंगली भैंस और मकाक बंदर जैसे जंगली जानवर यहां पाए जाते हैं। सिंधुदुर्ग किले में 42 बुर्ज के साथ टेढ़ी-मेढ़ी दीवारें हैं। निर्माण सामग्री में ही करीब 73,000 किलो लोहा शामिल हैं।

ग्वालियर किला : मध्यप्रदेश स्थित ग्वालियर में राणा मानसिंह तोमर ने एक किला बनाया था। किले के अंदर कदम रखते ही वहां पर तीन मंदिर, छः महल एवं जलाशय स्थित हैं। मान्यता है कि उत्तर एवं केंद्र भारत में ग्वालियर किला बहुत ही सुरक्षित है।

किले में कई तरह के भव्य मंदिर स्थित है। इन मंदिरों में हजारों भक्त एकत्रित होते हैं। तेली-का-मंदिर में नौवीं सदी के द्रविड़ वास्तुशिल्प से प्रभावित होकर खूबसूरत स्मारक बनाए गए हैं। ग्वालियर किले में भिन्न प्रकार के महल स्थित हैं जैसे कि करण महल, जहाँगीर महल, शाहजहाँ मंदिर एवं गुरजरी महल आदि।

गोलकोंडा किला : आंध्र प्रदेश के हैदराबाद शहर में कोल्लू झील के पास बसे हीरे की खान के लिए प्रसिद्ध गोलकोंडा का किला काकतिया राजा ने बनवाया था। यह किला अपने समृद्ध इतिहास और राजसी भव्य संरचना के लिए जाना जाता है।

इस किले को हैदराबाद के सात आश्चर्य के रूप में जाना जाता है। इस किले के अलावा यहां पर आपको चारमीनार, बिरला मंदिर, रामोजी फिल्म सिटी, हुसैन सागर, सालारजंग म्यूजियम और मक्का मस्जिद जैसी कई दर्शनीय जगहें हैं।
 
कांगड़ा किला : हिमालयीन राज्य हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में बाणगंगा और माझी नदियों के संगम पर कांगड़ा के शाही परिवार ने इस किले का निर्माण किया था। यह दुनिया के सबसे पुराने किलो में से एक है। इस किले में वज्रेश्वरी मंदिर है।

किलों और मंदिरों के अलावा हिमाचल अपनी खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है। हिमाचल की काफी सारी इमारतें धर्मशाला के पास भी हैं।

मेहरानगढ़ किला  : राव जोधा द्वारा बनवाया गया यह किला राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित है। काफी ऊंचाई पर स्थित यह किला 500 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है।

इस किले में सात गेट हैं। प्रत्येक गेट राजा के किसी युद्ध में जीतने पर स्मारक के रूप में बनवाया गया था। किले के अंदर मोती महल, शीश महल, चामुंडा देवी का मंदिर और म्यूजियम इस किले के अंदर ही हैं। इस किले का म्यूजियम राजस्थान का सबसे अच्छा म्यूजियम माना जाता है।


Thursday, 7 May 2015

इस झील में दफन है अरबों का खजाना...

By flipkart   Posted at  23:10   NEWS No comments


हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में स्थित कमरुनाग झील के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां अरबों रुपए का खजाना दफन है, पर आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उस खजाने को हाथ भी लगाने की तो आइए जानें क्या राज है 'कमरुनाग झील' में दबे खजाने का।

पुरे साल में 14 और 15 जून को यानी देसी महीने के हिसाब से एक तारीख और हिमाचली भाषा में साजा। गर्मियों के इन दो दिनों में बाबा कमरुनाग पूरी दुनिया को दर्शन देते है। इसलिए लोगों का यहां जन सेलाव पहले ही उमड पड़ता है। क्योंकि बाबा घाटी के सबसे बड़े देवता हैं और हर मन्नत पुरी करते हैं। हिमाचल प्रदेश के मण्डी से लगभग 60 किलोमीटर दूर आता है रोहांडा, यहीं से पैदल यात्रा शुरु होती है। कठिन पहाड़ चड़कर घने जंगल से होकर गुजरना पड़ता है। इस तरह लगभग 8 किलोमीटर चलना पड़ता है।
मंदिर के पास ही एक झील है, जिसे कमरुनाग झील के नाम से जाना जाता है। यहां पर लगने वाले मेले में हर साल भक्तों की काफी भीड़ जुटती है और पुरानी मान्यताओं के अनुसार भक्त झील में सोने-चांदी के गहनें तथा
पैसे डालते हैं। सदियों से चली आ रही इस परम्परा के आधार पर यह माना जाता है कि इस झील के गर्त में अरबों का खजाना दबा पड़ा है।

देव कमरुनाग को वर्षा का देव माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार भगवान कमरुनाग को सोने-चांदी व पैसे चढ़ाने की प्राचीन मान्यता है। यहां जून में लगने वाले मेले के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा झील में सोने-चांदी के गहनों को अर्पित करते हुए देखा जा सकता है। स्थानीय लोगों की मानें तो सदियों से चली आ रही इस परंपरा के आधार पर यह माना जाता है कि झील के गर्त में काफी बड़ा खजाना दबा हुआ है। कमरुनाग में लोहड़ी पर भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है।

कमरुनाग जी का जिक्र महाभारत में भी आता है। इन्हें बबरुभान जी के नाम से भी जाना जाता था। ये धरती के सबसे शक्तिशाली योधा थे। लेकिन कृष्ण नीति से हार गए। इन्होने कहा था कि कोरवों और पांडवों का युद्ध देखेंगे और जो सेना हारने लगेगी में उसका साथ दुंगा। लेकिन भगवान् कृष्ण भी डर गए कि इस तरह अगर इन्होने कोरवों का साथ दे दिया तो पाण्डव जीत नहीं पायेंगे। कृष्ण जी ने एक शर्त लगा कर इन्हे हरा दिया और बदले में इनका सिर मांग लिया। लेकिन कमरुनाग जी ने एक खवाइश जाहिर की कि वे महाभारत का युद्ध देखेंगे। इसलिए भगवान् कृष्ण ने इनके काटे हुए सिर को हिमालय के एक उंचे शिखर पर पहुंचा दिया। लेकिन जिस तर्फ इनका सिर घूमता वह सेना जीत की ओर बढ्ने लगती। तब भगवान कृष्ण जी ने सिर को एक पत्थर से बाँध कर इन्हे पांडवों की तरफ घुमा दिया। इन्हें पानी की दिक्कत न हो इसलिए भीम ने यहाँ अपनी हथेली को गाड कर एक झील बना दी।

यह भी कहा जाता है कि इस झील में सोना चांदी चडाते से मन्नत पुरी होती है। लोग अपने शरीर का कोई भी गहना यहाँ चडा देते हैं। झील पैसों से भरी रहती है, ये सोना – चांदी कभी भी झील से निकाला नहीं जाता क्योंकि ये देवतायों का होता है। ये भी मान्यता है कि ये झील सीधे पाताल तक जाती है। इस में देवतायों का खजाना छिपा है। हर साल जून महीने में 14 और 15 जून को बाबा भक्तों को दर्शन देते हैं। झील घने जंगल में है और इन् दिनों के बाद यहाँ कोई भी पुजारी नहीं होता। यहाँ बर्फ भी पड जाती है।
यहाँ से कोई भी इस खज़ाने को चुरा नही सकता। क्योंकि माना जाता है कि कमरुनाग के खामोश प्रहरी इसकी रक्षा करते हैं। एक नाग की तरह दिखने बाला पेड इस पहाड के चारों ओर है। जिसके बारे मे कहते हैं कि ये नाग देवता अपने असली रुप में आ जाता है। अगर कोई इस झील के खजाने को हाथ भी लगाए।

अब पासवर्ड याद रखने की टेंशन छोड़ो

By flipkart   Posted at  23:00   NEWS No comments


अक्सर लोग फोन से किसी वेबसाइट लॉगइन करने के बाद पासवर्ड भूल जाते है।  अब आप पासवर्ड से जुड़ी हर तरह की समस्या से मुक्ति पा  सकते हो।  इसके लिए आप को "पासवर्डबॉक्स" नाम की एप्लीकेशन को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल करना होगा।  इसमे आप अपने पासवर्ड को डिजिटली स्टोर कर सकते है  और सिंगल टेप  पर लॉगिन कर सकते है।  इसमे पासवर्ड जनरेट की मदद से आप मजबूत पासवर्ड तैयार कर सकते हों। आप चाहो तो इस एप्प को भी मास्टर पासवर्ड से लॉक कर सकते हों।

इस एप्लीकेशन में निजी सूचनाएं भी स्टोर की जा सकती है।  इसका ऑटो लॉक फीचर भी बड़े काम का है। यह एप्प एंड्रॉइड , आई फ़ोन  , आईपैड  पर बेखूबी  काम करता है।

श्याओमी का बड़ा ऐलान, Mi4 की कीमत में 2 हजार की कटौती xiaomi-mi4

By flipkart   Posted at  05:29   NEWS No comments

चाइनीज एप्पल के नाम से मशहूर कंपनी श्याओमी ने भारतीय बाजार अपनी अच्छी पकड़ बना चुकी है। अगर आप श्‍याओमी स्मार्टफोन खरीदने की चाह रखते हैं, तो इस समय श्याओमी मी4 खरीदने का अच्छा मौका है। कंपनी ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन के दाम 10 फीसदी कम कर दिए हैं।

नई कीमत के हिसाब से 16 जीबी वैरिएंट की कीमत 17,999 रुपये होगी और 64 जीबी वैरिएंट की कीमत 21,999 रुपये होगी

लुकवाइज़ Mi4 एपल के आईफोन 5एस और 5एस जैसा दिखता है। इसमें एक खास तकनीक का प्रयोग किया गया है

2.5 गीगा हर्ट्ज क्वाडकोर स्नैप ड्रैगन 801 प्रोसेसर लगा है और इसकी रैम 3 जीबी की है। इस स्मार्टफोन की मेमोरी को एक्सपेंड नहीं किया जा सकता।

इसमें 5 इंच का फुल HD डिस्पले है. साथ ही Mi4 में 13 मैगापिक्सल रीयर कैमरा और 8 मैगापिक्सल फ्रंट कैमरा है.

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.- What is Term Insurance…

By flipkart   Posted at  01:07   NEWS No comments


टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.- What is Term Insurance…

हरेक व्यक्ति को इंश्योरेंस की जरूरत नहीं होती है। लेकिन अगर आपके ऊपर आर्थिक जिम्मेदारियां और उनके जीवन लक्ष्यों के लिए आपको योजनाएं बनानी हैं या आपके ऊपर होम लोन, पर्सनल लोन जैसी जिम्मेदारियां हैं तो आपको निश्चित तौर पर इंश्योरेंस की जरूरत है।

आप जब भी टर्म बीमा खरीदें तो कुछ बातें जरूर ध्यान रखें। आप जो कवर खरीद रहे हैं क्या वह आपके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। दूसरी बात यह है कि बीमा अवधि भी धनराशि के बराबर ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कोई टर्म प्लान मत खरीदिए जो आपकी उम्र के 40 या 50वें दशक में खत्म हो जाता है। बीमा खरीदते समय ऐसा प्लान लीजिए जो महंगाई की भरपायी करता हो, क्योंकि आज 50 लाख रुपये की रकम 15 से 20 साल बाद बहुत कम दिखाई देगी।

अगर आपने अभी तक टर्म बीमा प्लान नहीं खरीदा है तो जल्द से जल्द इसे खरीदें। इससे न सिर्फ आपके प्रियजनों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि आपके मन को भी शांति मिलेगी।


टर्म बीमा पॉलिसियों के प्रकार -


सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी :-
सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी के अंतर्गत एक मुश्त प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत पूर्वनिर्धारित अवधि के लिये जीवन का
जोखिम कवर किया जाता है।

नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी:-
नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी आपको वार्षिक आधार पर प्रीमियम भुगतान करने का विकल्प प्रदान करता है, अगर आप एक साथ ज्यादा बड़ा प्रीमियम भूगतान करने के इच्छुक नहीं है तो यह प्लॉन ले सकते हैं। आपको हर वर्ष बीमा अवधि के अंत तक  प्रीमियम भरनी होगी।

प्रीमियम की वापसी के साथ टर्म पॉलिसी :-
आमतौर पर टर्म योजनाओं में अगर बीमा धारक को बीमा अवधि में कुछ नहीं होता है तो उसे कुछ भी रिटर्न नहीं मिलता है। आपने जो भी प्रीमियम भरी है वह नहीं मिलेगी। पर इस प्लॉन में आप वो प्रीमियम राशि प्राप्त कर सकते हैं जो कि आपने भरी हैं, जो कि बिना ब्याज के भी हो सकता है

टर्म पॉलिसी जो ऋण भी कवर करती हो:- यह पॉलिसी खास उन लोगों के लिये बनायी गई है जिन लोगों ने गृह ऋण ले रखा है। बीमा राशि बकाया ऋण राशि के बराबर होगी। और यह धीरे धीरे उसी अनुपात में घटती जाती है,

आसुस जेनफोन 2 से अपने स्मार्टफोन के अनुभव को लगायें चार चाँद लगायें

By flipkart   Posted at  00:32   ONLINE OFFERS No comments


आसुस जेनफोन 2 से अपने स्मार्टफोन के अनुभव को लगायें चार चाँद लगायें

आसुस जेनफोन 2 से अपने स्मार्टफोन के अनुभव को लगायें चार चाँद लगायें

मोबाईल के जमाने में सेल्फी तो बनती ही है, और अगर फ्रंट कैमरा ठीक न हो तो सेल्फी भी अच्छे नहीं आते हैं, और अब अलग से कैमरा ले जाने का जमाना भी नहीं है, अगर कहीं घूमने भी गये तो पूरा ट्रिप हम अब कैमरे से ही शूट करते हैं, इस काम के लिये हमारे मोबाईल का कैमरा भी अच्छा होना चाहिये, जिससे हमारी यादें आगे के लिये हम सहेज सकें।

 रंग 4 जीबी वाले जेनफोन 2 को Black/White/Red/Gray/Gold कलर में लांच किया जाएगा।

इसमें 5.5 इंच की फुल एचडी आईपीएस स्‍क्रीन दी गई है जो 1920x1080 रेज्‍यूलूशन सपोर्ट करती है साथ में कॉर्निंग गोरिल्‍ला ग्‍लास प्रोटेक्‍शन इसे स्‍क्रेच प्रूफ बनाता है।

जेनफोन 2 में क्‍वॉड कोर 2.3 गीगाहर्ट का प्रोसेसर लगा हुआ है साथ में 2 जीबी और 4 जीबी रैम ऑप्‍शन मिलेगा।

आसुस जेनफोन 2 में 4 जीबी रेम है तो  गेमिंग और वीडियो का अनुभव बहुत ही अच्छा होगा।
  
बैटरी खत्म होने के बाद केवल 39 मिनिट में ही 60 प्रतिशत बैटरी चार्ज हो जायेगी।
  
अब मैं बिना फ्लेश के भी अँधेरे में साफ फोटो ले सकते हे , क्योंकि यह 400 प्रतिशत ज्यादा ब्राईटन के साथ रात में फोटो खींच सकता है।
  
2.3 GHz के प्रोसेसर से मेरे सारे एप्प बहुत ही तेज रिस्पाँस देंगे और वीडियो भी अच्छा दिखेगा।
  
रियर कैमरा 13 मेगा पिक्सल  हे जिसमें ऑटो फोकस सपोर्ट दिया गया है। और फ्रंट कैमरा 5 मेगा पिक्सल होने से सेल्फी बहुत ही बेहतरीन होगी
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