चमत्कारी मोहिनी प्रयोग
साधना विधि
बढ़िया सी इत्र की शीशी लीजिये ,और निम्न मंत्र को १०८ बार पढ़कर एक फूक शीशी के भीतर मारिये.इसी तरहा कुल एक हजार मंत्र पढ़ शीशी में दस फूक लग चुकी हो तो शीशी को किसी स्वच्छ स्थान पर रख दीजिये,उसी दिन शीशी की इत्र अन्दर ही अंदर चक्कर मारने लगेगी तब जान लीजिये की यह इत्र सिद्ध हो गयी है.फिर आप ईस इत्र की प्रयोग आपकी आवश्यकता की हिसाब से कर सकते है,और किसी भी स्त्री और पुरष को आप वश कर सकते है.
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use :-
यह सिद्ध इत्र की आपको जब भी प्रयोग करनी हो तो आप किसी भी स्त्री और पुरष की कपडे पर इत्र लगा दीजिये या सुंघा दीजिये तो वह व्यक्ति तुरंन्त ही वश में हो जाती है,यह बड़ी चमत्कारी प्रयोग है........................................
साधना शुक्रवार को करनी है.समय सुबह सूर्योदय से पाहिले.
आज तक तो कभी भी यह प्रयोग असफल नहीं हुयी है.
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मंत्र
|| अलहम्दोगवानी वो मेरेपर हो दीवानी जो न हो दीवानी सैयद कादर अब्दुल जलानी चुटटा पकड़कर दिवानी ||
नोट : प्रयोग की सफलता आपकी अच्छी कार्य की उपयोगिता पर निर्भर करती है,कृपया प्रयोग की इस्तेमाल कोई अच्छी कार्य की लिये कीजिये.और एक बारी में सफलता न मिली तो प्रयोग सिर्फ एक-दो बार फिर से कीजिये,क्युकी साधना करते समय कुछ कमी या त्रुटी रही तो असफलता मिल सकती है.
बढ़िया सी इत्र की शीशी लीजिये ,और निम्न मंत्र को १०८ बार पढ़कर एक फूक शीशी के भीतर मारिये.इसी तरहा कुल एक हजार मंत्र पढ़ शीशी में दस फूक लग चुकी हो तो शीशी को किसी स्वच्छ स्थान पर रख दीजिये,उसी दिन शीशी की इत्र अन्दर ही अंदर चक्कर मारने लगेगी तब जान लीजिये की यह इत्र सिद्ध हो गयी है.फिर आप ईस इत्र की प्रयोग आपकी आवश्यकता की हिसाब से कर सकते है,और किसी भी स्त्री और पुरष को आप वश कर सकते है.
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use :-
यह सिद्ध इत्र की आपको जब भी प्रयोग करनी हो तो आप किसी भी स्त्री और पुरष की कपडे पर इत्र लगा दीजिये या सुंघा दीजिये तो वह व्यक्ति तुरंन्त ही वश में हो जाती है,यह बड़ी चमत्कारी प्रयोग है........................................
साधना शुक्रवार को करनी है.समय सुबह सूर्योदय से पाहिले.
आज तक तो कभी भी यह प्रयोग असफल नहीं हुयी है.
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मंत्र
|| अलहम्दोगवानी वो मेरेपर हो दीवानी जो न हो दीवानी सैयद कादर अब्दुल जलानी चुटटा पकड़कर दिवानी ||
नोट : प्रयोग की सफलता आपकी अच्छी कार्य की उपयोगिता पर निर्भर करती है,कृपया प्रयोग की इस्तेमाल कोई अच्छी कार्य की लिये कीजिये.और एक बारी में सफलता न मिली तो प्रयोग सिर्फ एक-दो बार फिर से कीजिये,क्युकी साधना करते समय कुछ कमी या त्रुटी रही तो असफलता मिल सकती है.
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