महिलाओं के विषय में चाणक्य के विचार ...
चंद्रगुप्त मौर्य को चक्रवर्ती सम्राट बनाने वाले आचार्य चाणक्य देखने में तो बेहद कुरूप थे लेकिन उनकी नीतियों ने भारत के इतिहास को बदलकर रखने में मौलिक भूमिका अदा की। अर्थशास्त्र और राजनीति के महान ज्ञाता रहे आचार्य चाणक्य के सिद्धांतों को आधुनिक युग में भी स्वीकार किया गया है।
Quote 1: ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।
Quote 2: वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।
Quote 3: शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।
Quote 4: सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।
Quote 5: एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है।
Quote 6: आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।
Quote 7: मित्रों के संग्रह से बल प्राप्त होता है।
Quote 8: जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है न भविष्य।
Quote 9: संकट में बुद्धि ही काम आती है।
Quote 10: लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।
Quote 11: यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए।
Quote 12: यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए।
Quote 13: सांप को दूध पिलाने से विष ही बढ़ता है, न की अमृत।
Quote 14: एक बिगड़ैल गाय सौ कुत्तों से ज्यादा श्रेष्ठ है। अर्थात एक विपरीत स्वाभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ लोगों से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते है।
Quote 15: कल के मोर से आज का कबूतर भला। अर्थात संतोष सब बड़ा धन है।
Quote 16: आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है।
Quote 17: अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है।
Quote 18: भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है।
Quote 19: विद्या ही निर्धन का धन है।
Quote 20: विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।
Quote 2: वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।
Quote 3: शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।
Quote 4: सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।
Quote 5: एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है।
Quote 6: आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।
Quote 7: मित्रों के संग्रह से बल प्राप्त होता है।
Quote 8: जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है न भविष्य।
Quote 9: संकट में बुद्धि ही काम आती है।
Quote 10: लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।
Quote 11: यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए।
Quote 12: यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए।
Quote 13: सांप को दूध पिलाने से विष ही बढ़ता है, न की अमृत।
Quote 14: एक बिगड़ैल गाय सौ कुत्तों से ज्यादा श्रेष्ठ है। अर्थात एक विपरीत स्वाभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ लोगों से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते है।
Quote 15: कल के मोर से आज का कबूतर भला। अर्थात संतोष सब बड़ा धन है।
Quote 16: आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है।
Quote 17: अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है।
Quote 18: भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है।
Quote 19: विद्या ही निर्धन का धन है।
Quote 20: विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।
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