Saturday, 4 April 2015

चाणक्य नीति एवं कौटिल्य अर्थशास्त्र

By flipkart   Posted at  04:12   No comments

                   चाणक्य नीति एवं कौटिल्य अर्थशास्त्र

 

 

Quote 334: शत्रु की बुरी आदतों को सुनकर कानों को सुख मिलता है।
Quote 335: धनहीन की बुद्धि दिखाई नहीं देती।
Quote 336: निर्धन व्यक्ति की हितकारी बातों को भी कोई नहीं सुनता।
Quote 337: निर्धन व्यक्ति की पत्नी भी उसकी बात नहीं मानती।
Quote 338: पुष्पहीन होने पर सदा साथ रहने वाला भौरा वृक्ष को त्याग देता है।
Quote 339: विद्या से विद्वान की ख्याति होती है।
Quote 340: यश शरीर को नष्ट नहीं करता।
Quote 341: जो दूसरों की भलाई के लिए समर्पित है, वही सच्चा पुरुष है।
Quote 342: शास्त्रों के ज्ञान से इन्द्रियों को वश में किया जा सकता है।
Quote 343: गलत कार्यों में लगने वाले  व्यक्ति को  शास्त्रज्ञान ही रोक पाते है।
Quote 344: नीच व्यक्ति की शिक्षा की अवहेलना करनी चाहिए।
Quote 345: मलेच्छ अर्थात नीच की भाषा कभी शिक्षा नहीं देती।
Quote 346: मलेच्छ अर्थात नीच व्यक्ति की भी यदि कोई अच्छी बात हो अपना लेना चाहिए।
Quote 347: गुणों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।
Quote 348: विष में यदि अमृत हो तो उसे ग्रहण कर लेना चाहिए।
Quote 349: विशेष स्थिति में ही पुरुष सम्मान पाता है।
Quote 350: सदैव आर्यों (श्रेष्ठ जन) के समान ही आचरण करना चाहिए।





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