एरियल रोपवे--
यह रोपवे नैनीताल का मुख्य आकर्षण है। यह स्नो व्यू पाइंट और नैनीताल को जोड़ता है। रोपवे मल्लीताल से शुरु होता है। यहां दो ट्रॉली हैं जो सवारियों को लेकर जाती हैं।
एक तरफ की यात्रा में लगभग १५१.७ सेकंड लगते हैं।
रोपवे से शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई पड़ता है।संध्या के समय जब सारी नैनीताल नगरी बिजली के प्रकाश में जगमगाने लगती है तो नैनीताल के ताल के देखने में ऐसा लगता है कि मानो सारी नगरी इसी ताल में डूब सी गयी है।
(७.)नैना पीक या चाइना पीक--
यह चोटी नगर की सबसे ऊंची चोटी है। यह मुख्य नगर से ६ किमी. दूर २६११ मी. की ऊंचाई पर है। यहां एक ओर बर्फ़ से ढ़का हिमालय दिखाई देता है और दूसरी ओर नैनीताल नगर का पूरा दृश्य देखा जा सकता है।
छः चोटियां--
यहाँ की छः चोटियों नैनीताल की शोभा बढ़ाने में विशेष, महत्व रखती हैं | इन छः चोटियों का परिचय निम्नलिखित प्रकार से है :
(१) चीनीपीक (नैनापीक) सात चोटियों में चीनीपीक (नैनापीक) २,६०० मीटर की ऊँचाई वाली पर्वत चोटी है। नैनीताल से लगभग साढ़े पाँच किलोमीटर पर यह चोटी पड़ती है। इस चोटी से हिमालय की ऊँची -ऊँची चोटियों के दर्शन होते हैं। यहाँ से नैनीताल के दृश्य भी बड़े भव्य दिखाई देते हैं। इस चोटी पर चार कमरे का लकड़ी का एक केबिन है जिसमें एक रेस्तरा भी है।
(२) किलवरी २५२८ मीटर की ऊँचाई पर दूसरी पर्वत-चोटी है जिसे किलवरी कहते हैं। यह पिकनिक मनाने का सुन्दर स्थान है। यहाँ पर वन विभाग का एक विश्रामगृह भी है। जिसमें पहुत से प्रकृति प्रेमी रात्रि - निवास करते हैं। इसका आरक्षण डी. एफ. ओ. नैनीताल के द्वारा होता है।
(३) लड़ियाकाँटा २४८१ मीटर की ऊँचाई पर यह पर्वत श्रेणी है जो नैनीताल से लगभग साढ़े पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से नैनीताल के ताल की झाँकी अत्यन्त सुन्दर दिखाई देती है।
(४) देवपाटा और केमल्सबौग यह दोनों चोटियाँ साथ - साथ हैं। जिनकी ऊँचाई क्रमशः २४३५ मीटर और २३३३ मीटर है। इस चोटी से भी नैनीताल और उसके समीप वाले इलाके के दृश्य अत्यन्त सुन्दर लगते हैं।
(५) डेरोथीसीट वास्तव में यह अयाँरपाटा पहाड़ी है परन्तु एक अंग्रेज केलेट ने अपनी पत्नी डेरोथी, जो हवाई जहाज की यात्रा करती हुई मर गई थी। की याद में इस चोटी पर कब्र बनाई, उसकी कब्र - 'डारोथीसीट' के नाम - पर इस पर्वत चोटी का नाम पड़ गया। नैनीताल से चार किलोमीटर की दुरी पर २२९० मीटर की ऊँचाई पर यह चोटी है।
(६) स्नोव्यू और हनी - बनी नैनीताल से केवन ढ़ाई किलोमीटर और २२७० मीटर की ऊँचाई पर हवाई पर्वत - चोटी है। 'शेर का डाण्डा' पहाड़ पर यह चोटी स्थित है, जहाँ से हिमालय का भव्य दृश्य साफ - साफ दिखाई देता है। इसी तरह स्नोव्यू से लगी हुई दूसरी चोटी हनी-बनी है, जिसकी ऊँचाई २१७९ मीटर है, यहाँ से भी हिमालय के सुन्दर दृश्य दिखाई देते हैं ।
एक तरफ की यात्रा में लगभग १५१.७ सेकंड लगते हैं।
रोपवे से शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई पड़ता है।संध्या के समय जब सारी नैनीताल नगरी बिजली के प्रकाश में जगमगाने लगती है तो नैनीताल के ताल के देखने में ऐसा लगता है कि मानो सारी नगरी इसी ताल में डूब सी गयी है।
(७.)नैना पीक या चाइना पीक--
यह चोटी नगर की सबसे ऊंची चोटी है। यह मुख्य नगर से ६ किमी. दूर २६११ मी. की ऊंचाई पर है। यहां एक ओर बर्फ़ से ढ़का हिमालय दिखाई देता है और दूसरी ओर नैनीताल नगर का पूरा दृश्य देखा जा सकता है।
छः चोटियां--
यहाँ की छः चोटियों नैनीताल की शोभा बढ़ाने में विशेष, महत्व रखती हैं | इन छः चोटियों का परिचय निम्नलिखित प्रकार से है :
(१) चीनीपीक (नैनापीक) सात चोटियों में चीनीपीक (नैनापीक) २,६०० मीटर की ऊँचाई वाली पर्वत चोटी है। नैनीताल से लगभग साढ़े पाँच किलोमीटर पर यह चोटी पड़ती है। इस चोटी से हिमालय की ऊँची -ऊँची चोटियों के दर्शन होते हैं। यहाँ से नैनीताल के दृश्य भी बड़े भव्य दिखाई देते हैं। इस चोटी पर चार कमरे का लकड़ी का एक केबिन है जिसमें एक रेस्तरा भी है।
(२) किलवरी २५२८ मीटर की ऊँचाई पर दूसरी पर्वत-चोटी है जिसे किलवरी कहते हैं। यह पिकनिक मनाने का सुन्दर स्थान है। यहाँ पर वन विभाग का एक विश्रामगृह भी है। जिसमें पहुत से प्रकृति प्रेमी रात्रि - निवास करते हैं। इसका आरक्षण डी. एफ. ओ. नैनीताल के द्वारा होता है।
(३) लड़ियाकाँटा २४८१ मीटर की ऊँचाई पर यह पर्वत श्रेणी है जो नैनीताल से लगभग साढ़े पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से नैनीताल के ताल की झाँकी अत्यन्त सुन्दर दिखाई देती है।
(४) देवपाटा और केमल्सबौग यह दोनों चोटियाँ साथ - साथ हैं। जिनकी ऊँचाई क्रमशः २४३५ मीटर और २३३३ मीटर है। इस चोटी से भी नैनीताल और उसके समीप वाले इलाके के दृश्य अत्यन्त सुन्दर लगते हैं।
(५) डेरोथीसीट वास्तव में यह अयाँरपाटा पहाड़ी है परन्तु एक अंग्रेज केलेट ने अपनी पत्नी डेरोथी, जो हवाई जहाज की यात्रा करती हुई मर गई थी। की याद में इस चोटी पर कब्र बनाई, उसकी कब्र - 'डारोथीसीट' के नाम - पर इस पर्वत चोटी का नाम पड़ गया। नैनीताल से चार किलोमीटर की दुरी पर २२९० मीटर की ऊँचाई पर यह चोटी है।
(६) स्नोव्यू और हनी - बनी नैनीताल से केवन ढ़ाई किलोमीटर और २२७० मीटर की ऊँचाई पर हवाई पर्वत - चोटी है। 'शेर का डाण्डा' पहाड़ पर यह चोटी स्थित है, जहाँ से हिमालय का भव्य दृश्य साफ - साफ दिखाई देता है। इसी तरह स्नोव्यू से लगी हुई दूसरी चोटी हनी-बनी है, जिसकी ऊँचाई २१७९ मीटर है, यहाँ से भी हिमालय के सुन्दर दृश्य दिखाई देते हैं ।
0 comments: