क्रोधित पत्नी को छोड़ देना चाहिए -चाणक्य ...
Quote 378: स्वामी के क्रोधित होने पर स्वामी के अनुरूप ही काम करें।
Quote 379: माता द्वारा प्रताड़ित बालक माता के पास जाकर ही रोता है।
Quote 380: स्नेह करने वालों का रोष अल्प समय के लिए होता है।
Quote 381: मुर्ख व्यक्ति को अपने दोष दिखाई नहीं देते, उसे दूसरे के दोष ही दिखाई देते हैं।
Quote 382: स्वार्थ पूर्ति हेतु दी जाने वाली भेंट ही उनकी सेवा है।
Quote 383: बहुत दिनों से परिचित व्यक्ति की अत्यधिक सेवा शंका उत्पन्न करती है।
Quote 384: अति आसक्ति दोष उत्पन्न करती है।
Quote 385: शांत व्यक्ति सबको अपना बना लेता है।
Quote 386: बुरे व्यक्ति पर क्रोध करने से पूर्व अपने आप पर ही क्रोध करना चाहिए।
Quote 387: बुद्धिमान व्यक्ति को मुर्ख, मित्र, गुरु और अपने प्रियजनों से विवाद नहीं करना चाहिए।
Quote 388: ऐश्वर्य पैशाचिकता से अलग नहीं होता।
Quote 389: स्त्री में गंभीरता न होकर चंचलता होती है।
Quote 390: धनिक को शुभ कर्म करने में अधिक श्रम नहीं करना पड़ता।
Quote 391: वाहनों पर यात्रा करने वाले पैदल चलने का कष्ट नहीं करते।
Quote 392: जो व्यक्ति जिस कार्य में कुशल हो, उसे उसी कार्य में लगाना चाहिए।
Quote 393: स्त्री का निरिक्षण करने में आलस्य न करें।
Quote 394: स्त्री पर जरा भी विश्वास न करें।
Quote 395: स्त्री बिना लोहे की बड़ी है।
Quote 396: सौंदर्य अलंकारों अर्थात आभूषणों से छिप जाता है।
Quote 397: गुरुजनों की माता का स्थान सर्वोच्च होता है।
Quote 398: प्रत्येक अवस्था में सर्वप्रथम माता का भरण-पोषण करना चाहिए।
Quote 399: स्त्री का आभूषण लज्जा है।
Quote 400: ब्राह्मणों का आभूषण वेद है।
Quote 379: माता द्वारा प्रताड़ित बालक माता के पास जाकर ही रोता है।
Quote 380: स्नेह करने वालों का रोष अल्प समय के लिए होता है।
Quote 381: मुर्ख व्यक्ति को अपने दोष दिखाई नहीं देते, उसे दूसरे के दोष ही दिखाई देते हैं।
Quote 382: स्वार्थ पूर्ति हेतु दी जाने वाली भेंट ही उनकी सेवा है।
Quote 383: बहुत दिनों से परिचित व्यक्ति की अत्यधिक सेवा शंका उत्पन्न करती है।
Quote 384: अति आसक्ति दोष उत्पन्न करती है।
Quote 385: शांत व्यक्ति सबको अपना बना लेता है।
Quote 386: बुरे व्यक्ति पर क्रोध करने से पूर्व अपने आप पर ही क्रोध करना चाहिए।
Quote 387: बुद्धिमान व्यक्ति को मुर्ख, मित्र, गुरु और अपने प्रियजनों से विवाद नहीं करना चाहिए।
Quote 388: ऐश्वर्य पैशाचिकता से अलग नहीं होता।
Quote 389: स्त्री में गंभीरता न होकर चंचलता होती है।
Quote 390: धनिक को शुभ कर्म करने में अधिक श्रम नहीं करना पड़ता।
Quote 391: वाहनों पर यात्रा करने वाले पैदल चलने का कष्ट नहीं करते।
Quote 392: जो व्यक्ति जिस कार्य में कुशल हो, उसे उसी कार्य में लगाना चाहिए।
Quote 393: स्त्री का निरिक्षण करने में आलस्य न करें।
Quote 394: स्त्री पर जरा भी विश्वास न करें।
Quote 395: स्त्री बिना लोहे की बड़ी है।
Quote 396: सौंदर्य अलंकारों अर्थात आभूषणों से छिप जाता है।
Quote 397: गुरुजनों की माता का स्थान सर्वोच्च होता है।
Quote 398: प्रत्येक अवस्था में सर्वप्रथम माता का भरण-पोषण करना चाहिए।
Quote 399: स्त्री का आभूषण लज्जा है।
Quote 400: ब्राह्मणों का आभूषण वेद है।
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