Wednesday, 1 April 2015
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गुरु का परिभ्रमण
 By flipkart
  Posted at  05:21
  
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गुरु का परिभ्रमण -->चन्द्र कुंडली अनुसार जब गुरु परिभ्रमण पर रहते है,किस स्थान पर क्या परिणाम देते है,एवं उनसे क्या लाभ या हानि होती है!
ध्दितीय भाव में--> घर में ख़ुशी आती है,अविवाहित का विवाह होता है,एवं ग्रहस्थी वाले के घर बच्चे का जन्म होता है,धन की प्राप्ति होती है! अर्थात पूर्ण सुख मिलाता है! इसी के साथ शत्रुयो का नाश होता है!
तृतीय भाव में--> धन की कमी होती है,रिश्तेदारों से कटुता एवं कार्य में असफलता मिलाती है,बीमारी का भय रहता है,यात्रा में नुकसान होता है,इसी के साथ स्थान परिवर्तन होता है!
चतुर्थ भाव में-->जातक किसी मित्र या रिश्तेदार से अपमानित होता है,जातक का गलत कार्य के लिय मन विचलित होता है, एवं चोरी का भयबना रहता है!
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