सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व महाशुभ संयोग
महाशिवरात्रि परम कल्याणकारी व्रत है जिसके विधिपूर्वक करने से व्यक्ति के दुःख, पीड़ाओं का अंत होता है और उसे इच्छित फल की प्राप्ति होती है। पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, धन, सौभाग्य, समृद्धि व आरोग्यता प्राप्त होती है। पूजन करने वाला मोक्ष को प्राप्त करने के योग्य बन जाता है।
प्राचीन शिव पंचाक्षरी मंत्र इस प्रकार है -
नागेन्द्रहराय त्रिलोचनाय
भास्मंगारागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै 'न'काराय नमः शिवाय ।।1।।
मन्दाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय
नंदिश्वाराय प्रमथानाथ महेश्वराय
मंदारापुष्प बहुपुष्प सुपुजिताय
तस्मै 'म'काराय नमः शिवाय ।।2।।
शिवाय गौरी वादानाब्जवृन्द
सूर्याय दक्षाध्वार नशाकाय
श्रीनिलाकंठाय वृषभध्वजाय
तस्मै 'शि'काराय नमः शिवाय।।3।।
वसिष्ठ कुम्भोद्भव गौतामार्य
मुनीन्द्र देवार्चिता शेखाराय
चन्द्रार्कवैश्वनारा लोचनाय
तस्मै 'व'काराय नमः शिवाय।।4।।
यक्षस्वरुपाय जटाधाराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै 'य'काराय नमः शिवाय।।5।।
भास्मंगारागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै 'न'काराय नमः शिवाय ।।1।।
मन्दाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय
नंदिश्वाराय प्रमथानाथ महेश्वराय
मंदारापुष्प बहुपुष्प सुपुजिताय
तस्मै 'म'काराय नमः शिवाय ।।2।।
शिवाय गौरी वादानाब्जवृन्द
सूर्याय दक्षाध्वार नशाकाय
श्रीनिलाकंठाय वृषभध्वजाय
तस्मै 'शि'काराय नमः शिवाय।।3।।
वसिष्ठ कुम्भोद्भव गौतामार्य
मुनीन्द्र देवार्चिता शेखाराय
चन्द्रार्कवैश्वनारा लोचनाय
तस्मै 'व'काराय नमः शिवाय।।4।।
यक्षस्वरुपाय जटाधाराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै 'य'काराय नमः शिवाय।।5।।
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