Wednesday, 29 April 2015

संकल्प की शक्ति - Hindi motivet kahani

By flipkart   Posted at  22:50   MOTIVATIONAL STORIES No comments


बहुत समय पहले की बात है. जापान में एक युवा समुराई रहता था जो अपनी मंगेतर से बहुत प्रेम करता था. एक दिन जब उसकी मंगेतर जंगल से गुज़र रही थी, तब एक आदमखोर बाघ ने उसपर प्राणघातक हमला कर दिया. समुराई ने अपनी प्रेयसी को बचाने के भरसक प्रयास किए उसकी मृत्यु हो गई.
दुःख में आकंठ डूबे समुराई ने यह संकल्प लिया कि वह अपनी प्रिया की असमय मृत्यु का प्रतिशोध लेगा और उस बाघ को खोजकर खत्म कर देगा.

इस प्रकार समुराई अपने धनुष-बाण लेकर गहरे जंगल में चला गया और बहुत लंबे समय तक उस बाघ की खोज करता रहा. एक दिन उसे वह एक बाघ कुछ दूरी पर सोता दिखाई दिया. समुराई उसे देखकर समझ गया कि उसी बाघ ने उसकी प्रेयसी के प्राण लिए थे.

उसने अपना धनुष उठाया और निशाना लगाकर बाण छोड़ दिया. बाण बिजली की गति से छूटकर बाघ के शरीर को भेद गया. प्रत्यंचा पर दूसरा बाण चढ़ाकर वह बाघ की मृत्यु सुनिश्चित करने के लिए सतर्कतापूर्वक उसकी ओर बढ़ा… लेकिन वह यह देखकर अचंभित था कि उसके तीर ने किसी बाघ को नहीं बल्कि उसके जैसे दिखनेवाले धारीदार पत्थर को भेद दिया था!

इस घटना का बाद गांव में हर ओर उसकी धनुर्विद्या की चर्चा थी… कि उसने किस तरह एक पत्थर को तीर से भेद दिया, और लोग उसकी परीक्षा लेना चाहते थे.

लेकिन अनेक बार प्रयास करने के बाद भी समुराई के तीर चट्टानों और पत्थरों से टकराकर टूटते रहे. वह उन्हें भेदने का करिश्मा दुहरा नहीं सका.

क्योंकि इस बार समुराई जानता था कि वह पत्थर पर तीर चला रहा है. विगत में उसका संकल्प इतना गहन था कि वह वास्तव में पत्थर को तीर से भेद सका. परिस्तिथियों के बदलते ही उसका अद्भुत कौशल लुप्त हो गया.


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