अगर शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए आपका मन कुलबुला रहा है और आप अनाड़ी हैं, तो आपको इन चार मंत्रों पर खास तौर से गौर करना चाहिए।
1. सही कंपनी चुनिए
मुनाफा बढ़ाने वाली बेहतर कंपनी चुनें, जिसने अपने शेयरधारकों की पूंजी पर कम से कम 20 फीसदी लाभ अर्जित किया हो। आदर्श रूप से एक दीर्घकालिक निवेश (5वर्ष से अधिक) आपको कंपनी के विकास में भाग लेने की अनुमति देता है। कम अवधि ( 3 से 6 महीने) में शेयर का प्रदर्शन कंपनी के मूल सिद्धांत से कम तथा बाजार भाव से अधिक प्रेरित होता है, जबकि लंबे काल में सही कीमत की प्रासंगिकता कम हो जाती है।
2. अनुशासित रहें
शेयर में निवेश एक लंबी सीखने की प्रक्रिया है,जिसमें आप अपनी गलतियों से सीखते हैं। ये कुछ तथ्य हैं जिनसे ये प्रक्रिया सरल हो सकती है। निवेश में विविधता लाएं। यानी किसी एक शेयर में अपने कोष का 10 फीसदी से ज्यादा न डालें भले ही वो एक रत्न कंपनी हो, दूसरी ओर बहुत अधिक शेयरों में भी निवेश न करें, क्योंकि उनकी निगरानी करना मुश्किल होता है। एक कम सक्रिय लंबी अवधि के निवेशक के लिये 15-20 विभिन्न शेयर अच्छी संख्या है। अपनी कंपनी के प्रदर्शन का विश्लेषण उसके तिमाही परिणाम, वार्षिक रिपोर्ट और समाचार लेखों से करते रहें। जरूरत पड़ने पर एक अच्छा ब्रोकर ढूंढ़े तथा निपटान प्रणाली समझें। हॉट टिप्स पर ध्यान न दें,क्योंकि अगर ये सच में काम करती तो शेयर बाजार में निवेश करने वाले सभी निवेशक करोड़पति होते। अधिक खरीदने के प्रलोभन से बचें क्योंकि प्रत्येक खरीद एक नए निवेश का निर्णय है। एक कंपनी के उतने ही शेयर खरीदें जितने आपके कुल आवंटन योजना के अनुसार हैं।
3. निगरानी और समीक्षा
अपने निवेश की नियमित निगरानी व समीक्षा करें। खरीदे गए शेयर के तिमाही परिणामों की घोषणा पर नजर रखें और सप्ताह में कम से कम एक बार अपने पोर्टफोलियो वर्कशीट पर शेयर की कीमतों में आए सुधार लिखते रहें। ये कार्य अस्थिर समय के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है जब आप मूल्य चुनने के लिए बेहतर अवसर पा सकते हैं। जैसे कि पता लगाएं कि आप 50 पैसे के सिक्के में 1 रुपया कैसे खरीद सकते हैं। इसके अलावा ये भी जांचे कि जिन कारणों से आपने पहले शेयर खरीदा था, वे अभी भी वैध हैं या नहीं। साथ ही एक वार्षिक समीक्षा प्रक्रिया अपनायें जिससे आप अपने कुल परिसंपत्ति आवंटन के भीतर इक्विटी शेयरों के प्रदर्शन की जांच कर सकें। अगर जरूरी हो तो आप नियमित अंतराल पर समीक्षा कर सकते हैं क्योंकि आपके जोखिम प्रोफाइल और जोखिम क्षमता में 12 महीने की अवधि में परिवर्तन हो सकता है।
4. गलतियों से सीखें
समीक्षा के दौरान अपनी गलतियों को पहचानें और उनसे सीखें,क्योंकि आपके खुद के अनुभव को कोई नहीं हरा सकता। यही अनुभव आपके ज्ञान के मोती बनेंगे जो निश्चित ही आपको एक सफल शेयर निवेशक बनाने में सहायक होंगे।
0 comments: