अगर आप सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए तो खुद ही खुदाई करनी होगी. स्वाभाविक रूप से सोने या हीरे की नहीं, बल्कि किसी नए कीमती पत्थर की.
हम प्रतिदिन अनेकों योजना ओर आयोजन के बारे मे सोचते हे | उनमे से कुछ सहज ही सफल होजाते हे तो कुछ अनेकों प्रयास करनेपर भी सफल नहीं हो पाते ....!!!
आपने कभी सोचा हे की ऐसा क्यू .... ? कोई कहेगा भाग्यवश तो कोई कहेगा परिश्रम का अभाव
लेकिन हमारे ज्ञानी पूर्वजो ने अपने व्यावहारिक अनुभवो से हमे कई सूत्र दिये हे |
जिनके अध्ययन से हम जीवन के अनेकों प्रश्नो का सहज ही निराकरन कर सकते हे | कुछ व्यक्तियों मे बड्बोलापन पाया जाता हे .... कुछ न होते हुये भी बढ़ा चढाकर बाते करना |
आप भी अनजाने मे अपने स्नेही स्वजनो,मित्रो के साथ अपने भावी आयोजनो के विषय मे विचार-विमर्श करते होंगे | उनमे से सभी शायद आपके शुभ चिंतक न भी हो ....!!! किसी की नकारात्मक सलाह आपको आहत करती हे | आपकी सदुर्जा ओर कार्यप्रणाली पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखजता हे |
तो कोई अहेम गुप्त विषय को अनजाने ही आप उजागर करदे
.... कोई विज्ञसंतिषी जरूर बढ़ाए उत्तपन्न करसकता हे |
तभी हमे ये अहेम सूत्र को अपने निजी जीवन मे चरितार्थ करनेकी जरूरत हे की पूर्व संकल्पित कारी हम किसी को न बताए | गुप्तता से तो प्रपंच भी सिद्ध होजाते हे | बाकी आप स्वयं ही निश्चित करे ....जय हो
हम प्रतिदिन अनेकों योजना ओर आयोजन के बारे मे सोचते हे | उनमे से कुछ सहज ही सफल होजाते हे तो कुछ अनेकों प्रयास करनेपर भी सफल नहीं हो पाते ....!!!
आपने कभी सोचा हे की ऐसा क्यू .... ? कोई कहेगा भाग्यवश तो कोई कहेगा परिश्रम का अभाव
लेकिन हमारे ज्ञानी पूर्वजो ने अपने व्यावहारिक अनुभवो से हमे कई सूत्र दिये हे |
जिनके अध्ययन से हम जीवन के अनेकों प्रश्नो का सहज ही निराकरन कर सकते हे | कुछ व्यक्तियों मे बड्बोलापन पाया जाता हे .... कुछ न होते हुये भी बढ़ा चढाकर बाते करना |
आप भी अनजाने मे अपने स्नेही स्वजनो,मित्रो के साथ अपने भावी आयोजनो के विषय मे विचार-विमर्श करते होंगे | उनमे से सभी शायद आपके शुभ चिंतक न भी हो ....!!! किसी की नकारात्मक सलाह आपको आहत करती हे | आपकी सदुर्जा ओर कार्यप्रणाली पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखजता हे |
तो कोई अहेम गुप्त विषय को अनजाने ही आप उजागर करदे
.... कोई विज्ञसंतिषी जरूर बढ़ाए उत्तपन्न करसकता हे |
तभी हमे ये अहेम सूत्र को अपने निजी जीवन मे चरितार्थ करनेकी जरूरत हे की पूर्व संकल्पित कारी हम किसी को न बताए | गुप्तता से तो प्रपंच भी सिद्ध होजाते हे | बाकी आप स्वयं ही निश्चित करे ....जय हो
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