Saturday, 11 April 2015

दीवाली का अर्थ है दीपोंवालीं,

By flipkart   Posted at  02:03   No comments
दीवाली का अर्थ है दीपोंवालीं, संस्कृत का शब्द है ‘दीपावली’ | दीवाली शब्द वहाँ से लिया गया है, यानी दीपों का त्योहार | दीवाली अन्धेरे से प्रकाश, रोशनी में लाने का प्रतीक है | सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है | उस दिन दिया में तेल, बती डाल कर जलाया जाता हैं, इस लिये यह नाम दिया गया है |

दीवाली सारे भारत में एक या दूसरे तरीके से मनाई जाती है | हर प्रांत की कहानी थोड़ी अलग है पर कुछ न कुछ अधार बनाकर खूब धूमधाम से यह त्योहार मनाया जाता है | कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है |

दक्षिण भारत में कर्नाटक में एक बाली नाम का राजा हुआ करता था | वह बहुत बलवान था | खूब लड़ाई लड़ता था | दुनिया की शान्ति भंग किये हुए था | एक बार भगवान भिखारी का रूप धारण करके पृथ्वी पर आये | उन्होंने बाली से तीन पग भूमि का दान माँगा | बाली सोचा कि यह तो कुछ नहीं है | उस ने हाँ कर दी | फरि भगवान ने अपना साक्षात रूप धारण किया | उन्होंने एक कदम में स्वर्ग लोक, दूसरे कदम में पाताल लोक लेकर पूछा तीसरा कदम कहाँ रखूँ ? तो बाली ने अपना सिर उनको कदम रखने के लिए आगे किया | यह सब अश्विन् मास की अमावस वाले दिन हुआ | फरि नया चाँद कार्तिक का मास आरंभ करता है | उस समय में दीवाली मनाई जाती है |
उत्तर भारत में यह त्योहार श्री राम चन्द्र का लंका जीत कर | ४ साल वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है |

भारत के पश्चिम भाग गुजरात में व्यापारिक लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं जो कि घन और आबादी की देवी है | हिसाब-किताब पुराने खतम किये जाते हैं | घर-घर में लक्ष्मी-पूजन होता है | व्यापारी लोग नये सिरे से अपनी दुकान को भरपूर सजाते हैं | किसान लोगों की खेती पक जाती है | खेती से चल कर लक्ष्मी किसान के घर पहुँच जाती है | किसान प्रसाद के रूप में नये अनाज की खीलें बांटता है | कुम्हार नये खिलौने बनाते हैं | हलवाई बढ़-बढ़कर मिठाइयां और पकवान बनाते हैं | नये बैल मोल लिये जाते हैं | नई गाड़ियाँ खरीदी जाती हैं | नये गहने बनवाये जाते हैं | नये कपड़े, नई वस्तुएँ, नई-नई चीज़ों की मांग दीवाली के दिन होती है | हर दुकानदार की बिक्री अच्छी होती है | लोगों के घर लक्ष्मी का आगमन होता है |

पौराणिक तौर पर लक्ष्मी पूजन गणेश के साथ होता है | श्री गणेश को पूजा से नई चीज़ों का आरम्भ किया जाता है | गणेश भगवान शिव और पारवती के बेटे हैं | गणेश भगवान सब संकट, बधनों को दूर करने वाले हैं | गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाएँ घर-घर में लाई जाती हैं व उनका पूजन किया जाता है |
लोगों में दीवाली की इतनी उमंग होती है कि कई दिन पहले से ही लोग इस की बात करने लगते हैं | गरीब से गरीब हिन्दुस्तानी भी अपने घर का कोनारूकोना साफ़ कर लेते हैं | दीवारों पर सफ़ेदी करवा लेता है | हर एक यही कोशिश करता है कि उसका घर सब से सुन्दर हो | बच्चे लोग पटाके, फूल जड़ियाँ चलाने पहले से शुरु कर देते हैं | दीवाली के दिन सब खूब मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, घर-घर में सुन्दर-सुन्दर दिये जलाए जाते हैं और अस्तबाजी की जाती है | बड़े छोटे सभी भाग लेते हैं | सब पर खुशी की सीमा नहीं होती |

दीवाली पर सफ़ाई करने से हर एक चीज़ में नयापन आता है, गन्दगी, बीमारियों के कीटाणु खतम होते हैं | कई लोग जुआ भी खेलते हैं दिवाली का पूरा आनन्द लेने के लिये | क्योंकि दीवाली पर परिवार के सदस्य इकट्ठे हुए होते हैं, तो समय का पूरा सदप्रयोग किया जाता है | मज़ा लेने के लिये व मस्ती करने के लिये ताश, कोड़िया आदि खेली जाती है |

About flipkart

Nulla sagittis convallis arcu. Sed sed nunc. Curabitur consequat. Quisque metus enim, venenatis fermentum, mollis in, porta et, nibh. Duis vulputate elit in elit. Mauris dictum libero id justo.
View all posts by: flipkart

0 comments:

Connect with Us

What they says

Socials

Navigation

© 2014 PICVEND.COM. WP Mythemeshop converted by Bloggertheme9.
Powered by Blogger.
back to top