11 – एकादश भाव :
कुंडली के ग्यारहवें घर को भारतीय वैदिक ज्योतिष में लाभ स्थान अथवा लाभ भाव कहा जाता है तथा कुंडली का यह घर मुख्य तौर पर कुंडली धारक के जीवन में होने वाले वित्तिय तथा अन्य लाभों के बारे में बताता है। ग्यारहवें घर के द्वारा बताए जाने वाले लाभ कुंडली धारक द्वारा उसकी अपनी मेहनत से कमाए पैसे के बारे में ही बताएं, यह आवश्यक नहीं। कुंडली के इस घर द्वारा बताए जाने वाले लाभ बिना मेहनत किए मिलने वाले लाभ जैसे कि लाटरी में इनाम जीत जाना, सट्टेबाज़ी अथवा शेयर बाजार में एकदम से पैसा बना लेना तथा अन्य प्रकार के लाभ जो बिना अधिक प्रयास किए ही प्राप्त हो जाते हैं, भी हो सकते हैं। कुंडली के ग्यारहवें घर पर शुभ राहु का प्रभाव कुंडली धारक को लाटरी अथवा शेयर बाजार जैसे क्षेत्रों में भारी मुनाफ़ा दे सकता है जबकि इसी घर पर बलवान तथा शुभ बुध का प्रबल प्रभाव कुंडली धारक को व्यवसाय के किसी नए तरीके के माध्यम से भारी लाभ दे सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के इस घर के बलहीन होने से या बुरे ग्रहों के प्रभाव में होने से कुंडली धारक को अपने जीवन में उपर बताए गए क्षेत्रों में लाभ होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं तथा कुंडली के ग्यारहवें घर पर अशुभ तथा बलवान राहु का प्रबल प्रभाव कुंडली धारक का बहुत सा धन जुए अथवा शेयर बाजार जैसे क्षेत्रों में खराब करवा सकता है।
कुंडली का ग्यारहवां घर कुंडली धारक के लोभ तथा महत्त्वाकांक्षा को भी दर्शाता है क्योंकि इस कुंडली के इस घर से होने वाले लाभ आम तौर पर उन क्षेत्रों से ही प्राप्त होते हैं जिनमें अपनी किस्मत आजमाने वाले अधिकतर लोग रातों रात अमीर बन जाने के अभिलाषी होते हैं तथा इसके लिए वे ऐसे ही क्षेत्रों का चुनाव करते हैं जो उन्हें एकदम से अमीर बना देने में सक्षम हों। क्योंकि ऐसे सभी क्षेत्रों में पैसा कमाने के लिए मेहनत तथा लग्न से अधिक किस्मत की आवश्यकता होती है, इसलिए रातों रात इन क्षेत्रों के माध्यम से पैसा कमाने की कामना करने वाले लोगों में आम तौर पर लोभ तथा महत्त्वाकांक्षा की मात्रा सामान्य से अधिक होती है।
कुंडली के ग्यारहवें घर के बलवान होने पर तथा इस घर पर एक या एक से अधिक शुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर कुंडली धारक अपने जीवन में आने वाले लाभ प्राप्ति के अवसरों को शीघ्र ही पहचान जाता है तथा इन अवसरों का भरपूर लाभ उठाने में सक्षम होता है जबकि कुंडली के ग्यारहवें घर के बलहीन होने पर अथवा इस घर पर एक या एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर कुंडली धारक अपने जीवन में आने वाले लाभ प्राप्ति के अधिकतर अवसरों को सही प्रकार से समझ नही पाता तथा इस कारण इन अवसरों से कोई विशेष लाभ नहीं उठा पाता।
कुंडली के ग्यारहवें घर को भारतीय वैदिक ज्योतिष में लाभ स्थान अथवा लाभ भाव कहा जाता है तथा कुंडली का यह घर मुख्य तौर पर कुंडली धारक के जीवन में होने वाले वित्तिय तथा अन्य लाभों के बारे में बताता है। ग्यारहवें घर के द्वारा बताए जाने वाले लाभ कुंडली धारक द्वारा उसकी अपनी मेहनत से कमाए पैसे के बारे में ही बताएं, यह आवश्यक नहीं। कुंडली के इस घर द्वारा बताए जाने वाले लाभ बिना मेहनत किए मिलने वाले लाभ जैसे कि लाटरी में इनाम जीत जाना, सट्टेबाज़ी अथवा शेयर बाजार में एकदम से पैसा बना लेना तथा अन्य प्रकार के लाभ जो बिना अधिक प्रयास किए ही प्राप्त हो जाते हैं, भी हो सकते हैं। कुंडली के ग्यारहवें घर पर शुभ राहु का प्रभाव कुंडली धारक को लाटरी अथवा शेयर बाजार जैसे क्षेत्रों में भारी मुनाफ़ा दे सकता है जबकि इसी घर पर बलवान तथा शुभ बुध का प्रबल प्रभाव कुंडली धारक को व्यवसाय के किसी नए तरीके के माध्यम से भारी लाभ दे सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के इस घर के बलहीन होने से या बुरे ग्रहों के प्रभाव में होने से कुंडली धारक को अपने जीवन में उपर बताए गए क्षेत्रों में लाभ होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं तथा कुंडली के ग्यारहवें घर पर अशुभ तथा बलवान राहु का प्रबल प्रभाव कुंडली धारक का बहुत सा धन जुए अथवा शेयर बाजार जैसे क्षेत्रों में खराब करवा सकता है।
कुंडली का ग्यारहवां घर कुंडली धारक के लोभ तथा महत्त्वाकांक्षा को भी दर्शाता है क्योंकि इस कुंडली के इस घर से होने वाले लाभ आम तौर पर उन क्षेत्रों से ही प्राप्त होते हैं जिनमें अपनी किस्मत आजमाने वाले अधिकतर लोग रातों रात अमीर बन जाने के अभिलाषी होते हैं तथा इसके लिए वे ऐसे ही क्षेत्रों का चुनाव करते हैं जो उन्हें एकदम से अमीर बना देने में सक्षम हों। क्योंकि ऐसे सभी क्षेत्रों में पैसा कमाने के लिए मेहनत तथा लग्न से अधिक किस्मत की आवश्यकता होती है, इसलिए रातों रात इन क्षेत्रों के माध्यम से पैसा कमाने की कामना करने वाले लोगों में आम तौर पर लोभ तथा महत्त्वाकांक्षा की मात्रा सामान्य से अधिक होती है।
कुंडली के ग्यारहवें घर के बलवान होने पर तथा इस घर पर एक या एक से अधिक शुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर कुंडली धारक अपने जीवन में आने वाले लाभ प्राप्ति के अवसरों को शीघ्र ही पहचान जाता है तथा इन अवसरों का भरपूर लाभ उठाने में सक्षम होता है जबकि कुंडली के ग्यारहवें घर के बलहीन होने पर अथवा इस घर पर एक या एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर कुंडली धारक अपने जीवन में आने वाले लाभ प्राप्ति के अधिकतर अवसरों को सही प्रकार से समझ नही पाता तथा इस कारण इन अवसरों से कोई विशेष लाभ नहीं उठा पाता।
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