Saturday, 4 April 2015
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चन्द्रग्रहण
 By flipkart
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जब हम जमीन पर खड़े होते हैं और सूरज कि रोशनी हमारी शारीर पर पड़ती है, तो जमीन पर हमें अपनी परछाई दिखती है l ठीक इसी प्रकार चन्द्रमा और पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश के पड़ने पर परछाइयां आकाश में बनती हैं l चुकि पृथ्वी और चन्द्रमा का आकार गोल है, इसलिए इसकी परछाइयां शंकु के आकार कि होती हैं l ये परछाइयां बहुत लम्बी होती हैं l जो पिण्ड सूरज से जितनी अधिक दुरी पर होगा, परछाइयां भी उतनी ही अधिक लम्बी होंगी l ग्रहण का अर्थ है , किसी पिण्ड के हिस्से पर परछाई पड़ने से कालापन (अंधेरा हो जाना) l
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